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1 दिसंबर 1895 से प्रकाशित जैन समाज का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला साप्ताहिक

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स्वास्थ्य

बीमार होने पर तीन फायदा

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गुरु मां विज्ञाश्री/वर्षा योग कर रहे क्षेत्र पर नैनवा संवाददाता द्वारा गुंसी जिला टोंक 29 अगस्त 2023 मंगलवार को गुरु मां विज्ञाश्री ने अपने उद्बोधन में...

जैन धर्म के अनुसार रक्षा बँधन क्यों? – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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रक्षाबंधन का त्योहार भारत का मुख्य त्योहार है। जो भाई-बहन के स्नेह को दर्शाता है। जैन धर्म में यह पर्व अत्यंत आस्था और उत्साह...

दांतों का पीसना – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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दाँत पीसना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है। अर्थ- क्रोध से अभिभूत होने पर इस प्रकार दाँतो से दाँत दबाना कि मानो खा...

रेक्टल प्रोलेप्स का खतरा —-विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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रेक्टल प्रोलेप्स यानी कि शरीर कि एक ऐसी स्थिति जब हमारा गुदा यानी कि मलद्वार बाहर आने लगता है। इस बीमारी का नाम सुन...

एसिडिटी —-वर्तमान में सामान्य समस्या

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पेट में एसिड बनना एक आम समस्या है जिससे सीने में जलन, खट्टी डकार, पेट में गैस बनना, पेट का फूलना और सिरदर्द की...

नार्कोलेप्सी – न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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नार्कोलेप्सी एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को दिन में बहुत अधिक नींद आती है या अचानक स्लीप अटैक आता है। इस बीमारी से...

आधुनिकता का अभिशाप – तनाव

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विज्ञान अभिशाप या वरदान . जैसे लेनिन कहते थे धर्म एक प्रकार का अफीम हैं . हमारे देश में आज से करीब 80 साल...

टॉन्सिल (तुण्डिकेरी ) की चिकित्सा

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शोथः स्थूलस्तोददाहप्रापकी प्रागुक्ताभ्यां तुण्डिकेरी मता तु ! अर्थात कफ और रक्त से उत्पन्न होने वाले मोटे ,जलन और पाकयुक्त शोथ को तुण्डिकेरी कहते हैं...

एड़ी का दर्द-विद्यावास्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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एड़ी हमारे पैर का सबसे अहम हिस्सा होता है। अगर इसमें किसी तरह की परेशानी होती है, तो चलने-फिरने में काफी ज्यादा परेशानी का...

शुक्राणु /स्पर्म बढ़ाने के उपाय—–विद्यावाचस्पति -डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंदजैन भोपाल

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आजकल मोबाइल ,इंटरनेट और टी वी के कारण युवा वर्ग समय से पूर्व सेक्स की जानकारियों से परिपूर्ण होने पर वीर्य स्खलन के कारण...

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