सिद्धो की आराधना जीवन की सबसे बड़ी साधना है: आचार्य प्रमुख सागर महाराज

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बंगाईगाव : श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर (बंगाईगांव) में अष्टानिका पर्व के उपलक्ष में आयोजित श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के अवसर पर आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिद्धो की आराधना- उपासना हमारे जीवन की सबसे बड़ी साधना है। इस साधना के लिए हमें परमात्मा और पूजन का साधन जुटाना पड़ता है। इस अवसर पर ससंघ के निदर्शन में भगवान की शांतिधारा, अभिषेक के साथ इंद्र- इंद्राणियों सहित विधान के प्रमुख पात्रों द्वारा संगीत लहरियो के साथ पूजा अर्चना कर विधान के 16 अघ्य चढ़ाए गए। इस अवसर पर सौधर्म ईंद्र: सुनील कुमार शर्मिला देवी बगडा़, मैना सुंदरी: पवन कु. – सुमित्रा देवी सेठी, सानत इंद्र: सुरेद्र कु.-सविता देवी गंगवाल, महायज्ञनायक इंद्र: दिनेश कु.- सुमित्रा देवी पहाड़िया, ईशान इंद्र: निर्मल कु.-रेणु देवी गंगवाल, माहेद्र इंद्र : मुकेश कु.- सुमन देवी बगडा़, कुबेर इंद्र: राजेश कु.- अनीता देवी रावका,भरतचक्रवर्ती इंद्र: दिलीप कु.- मंजू देवी गंगवाल, महामंडलेश्वर इंद्र: नरेंद्र कु.-रजनी देवी गंगवाल, आनत इंद्र: मनोज कु.-सीमा देवी रारा ब्रह्मा इंद्र: प्रमोद कु.- सरोज देवी पाटनी आदि इंद्र इंद्राणियों सहित विधान के प्रमुख पात्रौ द्वारा संगीतमय स्वर लहरियों के साथ पूजा-अर्चना कर विधान के 16 अघ्य चढा़ए गए। इस अवसर पर संध्याकालीन आरती के पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमें समाज के गणमान्य लोगों के अलावा काफी संख्या मे श्रद्धालु उपस्थित थे। यह जानकारी सुनील कुमार सेठी एवं मुनी सेवाश समिति के चेयरमैन मनोज कुमार रारा द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।न

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