जयकारों के बीच आचार्यश्री ससंघ का मंगल प्रवेश

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ग्रीष्मकालीन वाचना के लिए किशनगढ़ में ,आचार्यश्री सुनील सागर महाराज, जैन समाज के लोगों ने की अगवानी
मदनगंज-किशनगढ़।
आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ससंघ ने ग्रीष्मकालीन वाचना के लिए गुरुवार को मार्बल नगरी में मंगल प्रवेश किया। सकल दिगंबर जैन समाज व श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत की ओर से डाक बंगले के सामने अगवानी की गई। उन्हें जुलूस के रूप में सिटी रोड स्थित जैन भवन लाया गया। जगह-जगह समाज के लोगों ने आचार्यश्री के पाद-प्रक्षालन कर आरती की।

उपाध्यक्ष दिलीप कासलीवाल ने बताया कि आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ससंघ ने गेगल स्थित प्रेसीडेंसी स्कूल से मंगल विहार करते हुए किशनगढ़ में प्रवेश किया। अजमेर रोड स्थित आरके गल्र्स काॅलेज, अजमेर रोड होते हुए वे पुराने बस स्टैंड के पास डाक बंगले पहुंचे जहां पर समाज व मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत की ओर से अगवानी की। जुलूस डाक बंगले से प्रारंभ होकर, जुलूस अजमेर रोड, श्री मुनिसुव्रतनाथ मंदिर, पहाड़िया चैराहा, पुरानी मिल चैराहा होते हुए सिटी रोड स्थित जैन भवन पहुंचा। उपमंत्री राजेश पांडया ने बताया कि रस्ते में जुलूस के दौरान रूपनगढ़ रोड स्थित श्री मुनिसुव्रतनाथ मंदिर के दर्शन किए वहां पर पंचायत के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा पाद पक्षालन किया गया। मुख्य चौराहे पर 21 फीट लंबा स्टेज बनाकर पुलक मंच के सदस्यों द्वारा पाद पक्षालन किया गया।
प्रचार मंत्री गौरव पाटनी ने बताया कि प्रवास के दौरान मुनि संघ जैन भवन एवं आर्यिका माताजी संघश्री चंद्रप्रभु भवन में विराजमान रहेंगे।

अगवानी में ऐतिहासिक जुलूस
आचार्यश्री की अगवानी में ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया। जुलूस में हाथी, घोड़ा,ऊंट लवाजमा, बैलगाड़ी नगाडा शहनाई सहित बैंड आकर्षण का केंद्र रहे। जुलूस व्यवस्था प्रभारी राजकुमार दोषी, राजेंद्र चौधरी व अजय सोनी ने बताया कि दिगंबर जैन समाज के जुलूस में सर्वप्रथम घोड़े पर सवार उत्साह पाटनी एवं आदित बड़जात्या जोबनेर जैन ध्वज के हाथ में लेकर चल रहे थे। वहीं हाथी पर सवार संपत लाल नवीन कुमार कासलीवाल परिवार रत्न बरसा रहे थे। वही कर सजी-धजी बग्गीयो मैं राजकुमार मनोज कुमार बड़जात्या परिवार, महावीर प्रकाश चंद काला परिवार, निर्मल कुमार मुकेश कुमार रावका परिवार, पारसमल मुकेश कुमार काला परिवार धर्म की प्रभावना कर रहे थे।
आचार्य धर्मसागर विद्यालय के विद्यार्थी तख्तियां लेकर चल रहे थे। जुलूस के दौरान मुनिसुव्रतनाथ महिला मंडल, पार्श्वनाथ महिला मंडल, महावीर महिला मंडल, महिला महासमिति, चन्द्रप्रभु महिला मंडल, महिला महासभा, शांतिनाथ महिला मंडल, चेलना जागृति महिला मंडल, णमोकार महिला मंडल, सुज्ञान जागृति महिला मंडल, जैन महिला जागृति मंच पुलक मंच व इन्द्रानगर महिला मंडल के पदाधिकारी अपने-अपने ड्रेस कोड में धार्मिक जयकारों के साथ अलग ही छटा बिखेर रहे थे। जुलूस में जैन समाज के लोग पुरुष वर्ग श्वेत वस्त्र और महिलाएं केसरिया साड़ी में नजर आई।
जैन भवन में प्रवचन
आचार्यश्री सुनील सागर महाराज के जैन भवन पहुंचने पर प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। प्रवचन सभा का शुभारंभ चित्र अनावरण व दीप प्रज्ज्वलन श्रावक श्रेष्ठी अशोककुमार पाटनी, पंचायत अध्यक्ष विनोद कुमार पाटनी, प्रकाशचंद गंगवाल, विनोद चैधरी, त्रिलोक गोधा, विशाल ठोलिया, सुशील बाकलीवाल, संजय पापड़ीवाल ने किया। मंगलाचरण सुभाष बड़जात्या व अजित बाकलीवाल ने किया। मंच संचालन बसंत वैद ने किया। आचार्यश्री के पाद-प्रक्षालन एवं जिनवाणी भेट करने का सौभाग्य आरके मार्बल परिवार को मिला। कोषाध्यक्ष चेतनप्रकाश पांड्या ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान बाहर से पधारे हुए मेहमानों के लिए वात्सल्य भोज प्रदाता परिवार महावीर प्रसाद प्रकाशचंद काला का स्वागत अभिनंदन किया गया।

यह धरा (किशनगढ़) तीर्थ से कम नहीं है।
आचार्य सुनील सागर महाराज

आचार्य सुनील सागर महाराज ने जैन भवन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि सच्चा श्रावक वही है जो धर्म को सत्यता के पथ पर चलाने का काम करें दिखाने के लिए नहीं, धर्म संस्कृति को सुरक्षित रखना फर्ज है हमारा,
आचार्य सुनील सागर ने कहा कि जिस पावन धरा पर आचार्य धर्म सागर, आचार्य वर्धमान सागर, आचार्य विद्यासागर, आचार्य सन्मति
सागर, जैसे महान संतों ने चातुर्मास किए हैं वह धरा तीर्थ से कम नहीं है।

आरके मार्बल अशोक कुमार पाटनी की तारीफ करते हुए कहा कि जिस धरती पर भगवान बाहुबली को प्रथम कलश करने वाला व्यक्ति रहता हो जिस धरती पर एक ऐसा व्यक्तित्व हो जो संपूर्ण समाज का परिचय विश्व पटल पर करवा दे। वह नगरी आवश्यक ही धर्म नगरी ही होगी। आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ने अंत में सभी को मंगलमयी आशीर्वाद दिया।

Shekhar Chandra Patni

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