अक्षय तृतीया के दिन भगवान ऋषभ नाथ भगवान का प्रथम आहार ईक्षु रस से हुआ था आज का आहार दान महा दान बताया है

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द्वारा महावीर सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा
9 मई गुरुवार 2024
. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका 105 गुरुमाँ विज्ञाश्री माताजी संसंघ श्री 1008 भूषण महावीर दिगम्बर जैन मंदिर, वरुण पथ जयपुर में विराजमान है माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री जिनसहस्त्रनाम का मंगल पाठ, अभिषेक, शांतिधारा का आयोजन हुआ। तत्पश्चात प्रवचन सभा का आयोजन हुआ। अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए माताजी ने कहा कि-
अक्षय तृतीया के दिन ही भ.आदिनाथ जी के द्वारा दान पर्व की परम्परा का उद्गम हुआ था। भोग भूमि का काल व्यतीत होने के पश्चात् कर्मभूमि के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी बने श्रावक और श्रमण धर्म की परम्परा को अक्षुण्ण बनाने हेतु शिक्षायें दी। उन्हीं उपदेशों की पालना हेतु आज का यह पर्व अक्षय दान को लक्षित करता है। आज के आहार दान का फल उत्तम पात्र 5 करोड़, 93 लाख, 98 हजार 206 मुनियों को देने के बराबर है। उत्तम पात्र को दिया गया दान उत्तम भोगभूमि को दिलाता है, मध्यम पात्र को मध्यम भोगभूमि एवं जधन्य पात्र को जघन्य भोगभूमिका । फल प्राप्त होता है।

आज अक्षय तृतीया पर दिया गया दान अक्षय बन जाता है। कल देख : प्रात: 9 बजे वरूण पथ जैन मंदिर के
प्रांगण में आर्यिका संघ का भव्य पड़गाहन महोत्सव होने जा रहा है । गुरूमां की आहारचर्या कराने का सौभाग्य अरुण शैलबाला जैन ने प्राप्त किया।
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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