सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में मनाया जायेगा भगवान महावीर जन्म कल्याणक

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ग्वालियर (मनोज जैन नायक) भगवान महावीर जी का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि में हुआ था । भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 21 अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जायेगा
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार 21 अप्रेल रविवार को त्रियोदशी तिथि 20 अप्रेल को रात्रि 10:41 बजे से प्रारंभ होकर 21 अप्रेल रवि को रात्रि 01:11 बजे तक रहने से तिथि मान पूर्ण होकर पूरे दिन रहेगा।
इस दिन पूरे दिन रात सर्वार्थ सिद्धि योग,रहेगा शाम को 05:07 बजे से साथ में रात भर अमृत सिद्धि योग भी चलेगा।
नक्षत्र इस वार उत्तराफाल्गुनी वही है जो भगवान महावीर जी के जन्म के समय था। इस लिए इस बार की महावीर जयंती जनमानस के विशेष लाभ कारी रहेगी पूरे वर्ष भर धर्म , संयम की तरफ जनता बढ़ेगी।
भगवान महावीर ने जियो और जीने दो का संदेश विश्व के लिए दिया था कहा कर्म ही पूजा है। इस के अलावा हिंसा, झूठ,चोरी,कुशील,परिग्रह इन पांच पापो से मनुष्य को सर्वथा दूर रहने को कहा ।
भगवान महावीर जी का जन्म मकर लग्न में हुआ लग्न में उच्च राशि का मंगल,केंद्र दशम में शनि उच्च राशि में गुरु सप्तम केंद्र में उच्च कर्क राशि में सूर्य केंद्र चतुर्थ स्थान में उच्च राशि में थे अर्थात चारो केंद्रों में चार ग्रह अपनी उच्च राशि में थे।
इस बार भी सूर्य अपनी मेष उच्च राशि में है।
सभी केंद्रों में उच्च ग्रहों ने उन्हें तीर्थंकर होने का निमित्त प्रदान किया।
वे राज कुल में माता त्रिशला देवी पिता सिद्धार्थ के घर कुंडल पर वैशाली नगरी में जन्मे।
राजा के घर जन्म लेकर भी और उनकी पत्रिका में राज योग, रुचक योग,हंस योग, शशयोग,पंचमहापुरुष योग ,राजराजेश्वर योग जैसे अनेक राज योग होने के बाद भी वैराग्य योग ने उन्हें राज्य नहीं करने दिया और वे राज पाट सब छोड़कर मात्र 30 वर्षो की आयु में ही शाल वृक्ष के नीचे दीक्षा लेकर 12 वर्षो तक घोर तप किया उसी वृक्ष के नीचे 12 वर्ष बाद वैशाख शुक्ल दशमी के दिन मात्र 42 वर्ष में ही उन्हें ज्ञान प्राप्ति हो गई थी।
बाद में उन्होंने 30 वर्षो तक भ्रमण करते हुए धर्म उपदेश दिए उनके उपदेश के समय चारो तरफ शांति ही शांति थी गाय और शेर भी एक घाट पर पानी पीते थे।आज हर बच्चा बच्चा भगवान महावीर के नाम को उनके सिद्धांत को जनता है कि जियो और जीने दो
कर्म ही पूजा है
विश्व में शांति के लिए आज भी भगवान महावीर के जियो और जीने दो की जरूरत है।

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