संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के समाधि पूर्व देवलोक गमन पर दी विन्यांजलि

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आचार्य श्री को मिले भारत रत्न
संजय जैन संवाददाता
मदनगंज किशनगढ़।
संत शिरोमणि श्री आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि पूर्वक देवलोक गमन होने पर सकल जैन समाज के तत्वावधान में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायत एवं श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत द्वारा विनियांजलि सभा बुधवार को आरके कम्युनिटी सेंटर में आयोजित की गई। सभा का शुभारंभ संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के चित्र के समक्ष आरके मार्बल परिवार से शांता पाटनी, श्री आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद गंगवाल, मंत्री विनोद चौधरी, श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी, विधायक डॉ विकास चौधरी, पूर्व विधायक सुरेश टाक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुकेश अग्रवाल, समाजसेवी अतुल  लुहाड़िया एवं भारत विकास परिषद के भरत सराफ ने दीप प्रज्वलित करके किया। सभा में सर्वप्रथम श्री आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद गंगवाल ने आचार्यश्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य पद मिलने के बाद आचार्यश्री ने सिटी रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर का पंचकल्याण करवाया था। सिटी रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में स्थित मुलनायक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा राजस्थान की एकमात्र प्रतिमा है, जिसे आचार्यश्री द्वारा सूर्य मंत्र दिया। श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी ने कहा कि आचार्य श्री का मार्बल नगरी से गहरा नाता रहा, उन्होंने अपने ब्रह्मचारी अवस्था के दौरान आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज के सानिध्य व निर्देशन में श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में कठोर साधना की एवं उनके त्याग व समर्पण के बाद ही आचार्य श्री ने उन्हें अपना शिष्य बनाया। कार्यक्रम में विधायक डॉ विकास चौधरी ने कहा कि आचार्य श्री के आदर्श, विचार, त्याग, तपस्या, नैतिक मूल्य सदैव हमारे मार्गदर्शन करते रहेंगे। उन्होंने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज को भारत रत्न की उपाधि प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि आचार्य श्री पर 56 लोगों ने पीएचडी की है। पूर्व विधायक सुरेश टाक में कहा कि आचार्य श्री हर व्यक्ति के मन में रहने वाले हैं, उनके त्याग समर्पण एवम मानव कल्याण करते हुए साधना के कारण आचार्यश्री युगों युगों तक हमारे दिलों में रहेंगे। मानव कल्याण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया। मानव कल्याण करने वाले संत किसी समाज के नहीं पूरे विश्व के संत होते हैं। सभा में समाजसेवी अतुल लुहाड़िया ने आचार्य श्री के साथ बीते समय का वर्णन करते हुए जैन गौरव एवं आरके मार्बल परिवार के अशोक पाटनी द्वारा भेजे गए संदेश को सुनाया। जिसमें श्रावक श्रेष्ठी अशोक पाटनी ने कहा कि आचार्य श्री के समाधि पूर्वक देवलोक गमन पर आज हम सभी अनाथ हो गए हैं। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम आचार्य श्री युग में जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि मेरा आचार्य श्री से सन 1967 से ब्रह्मचारी अवस्था से ही जुड़ाव रहा है। आचार्य श्री कभी तंत्र-मंत्र कुछ भी नहीं करते थे, लेकिन आचार्य श्री के दर्शन मात्र से ही सारे काम सफल हो जाते हैं। महावीर कोठारी ने कहा कि आचार्य श्री का जाना मानव समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। आर के मार्बल परिवार की शांत पाटनी ने कहा कि आचार्य श्री से हमारे परिवार का 40 वर्षों से जुड़ा हुआ है, हमने आचार्य श्री की समाधि के दौरान वहीं मौजूद थे और हमने साक्षात आचार्य श्री जीवन को देखा है। हमेशा सदेव आचार्य श्री की शिक्षा एवं आदर्शों पर चलना चाहिए। उन्होंने महिलाओ के लिए प्रतिभा स्थली, जीव दया के लिए गौशाला एवं बेरोजगारों के लिए हथकरघा के साथ ही स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने सदैव इंडिया को भारत बोलने की सीख देते हुए मात्र भूमि से जोड़ने का कार्य किया। आचार्य श्री सदा विश्व कल्याण की भावना से कार्य करते थे। कार्यक्रम में मोना झांझरी, बसंत वेद, अभिषेक शास्त्री, लक्ष्मीनारायण सोनगरा, भाग चंद कोचेटा, सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान निंबार्क पीठ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, सांसद भागीरथ चौधरी, नगर परिषद सभापति दिनेश सिंह राठौड़, बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत के अलावा किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन, खुदरा व्यापार संघ, श्वेतांबर समाज, तेरापंथ सभा, मंदिर मार्गी, ब्रज मधुकर स्मृति भवन, जीनगर समाज, दर्जी समाज, सिंधी समाज, अग्रवाल समाज, गॉड ब्राह्मण समाज, जैन समाज की विभिन्न मंडलों सहित अनेक सामाजिक, धार्मिक एवम राजनेतिक संस्थाओं के संदेश प्राप्त हुए। मंच संचालन प्रणेश बज ने किया।

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