पुण्य को स्मृति दिवस पर विन्यांजलि स्वर्गीय सौभाग्य मल जैन वेद नैनवा

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देव शास्त्र गुरु भक्त को शत-शत नमन
7 मई मंगलवार 2024
आप 108 भव्य सागरजी महाराज नैनवा बूंदी के ग्रस्हत जीवन के छोटे भाई थे आपकी मुनि दीक्षा राजधानी जयपुर चूलगिरी खानिया में हुई थी
आपके दीक्षा गुरु आचार्य 108 देशभूषण जी महाराज से दीक्षित थे आपकी पहचान हाडोती भाषा के साथ सभी जीवों के रक्षक के नाम से भारत वर्ष में आपने अपनी पहचान बनाई संपूर्ण भारत में वर्षा योग कर जैन धर्म को प्राणी मात्र को अहिंसा का पाठ पढ़ाकर विश्व का पहला धर्म आपने बताया
आप चमड़ा से निर्मित वस्तुओं से भक्तों को त्याग करा कर जिवो के रक्षक के नाम से आपने नाम कमाया
संपूर्ण भारतवर्ष में वर्षा योग कर जैन धर्म का भाषा का पाठ आपने पढाया
दिल्ली महानगर में वर्षा योग पर महावीर जयंती पर सरकार से आंदोलन कर मांस की संपूर्ण दुकानआपने बंद कराई आपने अपने ग्रहस्त संबंधियों को भी धर्म का शत- उपदेश देकर इस मार्ग पर आपने लगाया

आपके छोटे पुत्र महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट पेपर के संवाददाता 25 वर्षों से अपने निष्पक्ष सेवाएं लेखनी सेआचार्य मुनिराज आयिकाओ में अपनी अनोखी पहचान बनाई बड़े-बड़े धार्मिक कार्यों में साधु संतों के प्रवचनों को प्रकाशित करने पर श्रावकों एवं आचार्य द्वारा कहीं बार आपको प्रशस्ति पत्र भेंट कर बड़े-बड़े मंचों पर सम्मानित किया गया
स्वर्गीय शोभागमाल जी जैन अपने गृहस्ती जीवन में नैनवा सरावगी तेरा पंथ जैन मंदिर में 45 वर्षों तक नियमित भगवान का अभिषेक पूजन की रात्रि भोजन एवं समस्त जिमिकंदों के आप त्यागी थे आपके ग्रस्त जीवन में तीन पुत्र पांच बेटियां हैं जेस्ट पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र प्रवीण कुमार महावीर कुमार सरावगी बेटियों में लाड बाई कमला जैन निर्मला जैन चंद्रकांता जैन स्वर्गीय छोटी मनोरमा जैन टौक मे थी
आपके दिए गए धार्मिक संस्कारों से आपकी पुण्य स्मृति में पशुओ को चारा रोगियों को औषधि फल फूल वितरण कर णमोकार महामंत्र का जाप प्रतिवर्ष परिवार जन करके आपके दिए हुए धार्मिक मार्गो को याद कर विन्यांजलि देते हैं ऐसा पिता का मिलना इस असार संसार में दुर्लभ है जिन्होंने धर्म के संस्कारों से संचय कर पूरे परिवार जनों को दूर-दूर तक पिता होने का नाम गौरावित किया है सभी हमारे पिताजी जैसा बनने का प्रयास करें जिससे परिवार में सदैव खुशहाली हरियाली बनी रहे
बड़े-बड़े महानगरों में उनके पुत्र पुत्रियां ने साधु संतों के आने पर आहार करा कर पिताजी वह गांव का नाम भी गौरांवित किया है आपकी शाखाएं बड़े-बड़े महानगरों में जैसे बेंगलुरु
आसाम कोलकाता दिल्ली सूरत जयपुर कोटा टोंक बूंदी अजमेर टोडारायसिंह आदि महानगरों में पिता द्वारा दिए गए संस्कार से जीवन में बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुए हैं उनकी आशीष कृपा से सभी सुखों का आभास करते हैं
पुनह उनके चरणों में शत-शत बंधन शत-शत नमन
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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