अर्चना जैन (रानी) दुगेरिया सर्राफ ,अध्यक्षा सुधा सागर बालिका छात्रावास कोटा
फागी संवाददाता
क्षमावाणी पर्व हमको मैत्री दिवस के रूप में मनानी चाहिए,यह एक ऐसी अद्भुत चीज है जो मांगी जाए या दी जाए मनुष्य को महान और देव तुल्य बनाती है।भूल होना प्रकृति का स्वभाव है, मान लेना संस्कृति है, और सुधार लेना प्रगति है। क्षमा मांगने से अहंकार ध्वंस होता है ओर शांति का अनुभव होता है। क्षमा नफरत का निदान है, क्षमा नैतिकता का निर्वाह है। हमारी आत्मा का मूल गुण क्षमा है, जिसके जीवन में क्षमा आ जाती है उसका जीवन सार्थक हो जाता है। जिस तरह क्षमा मांगना व्यक्तित्व का अच्छा गुण है, उसी तरह क्षमा कर देना भी इंसान के व्यक्तित्व में चार चांद लगाने का काम करता है। अतः जीवन में क्षमा शीलता का बहुत बड़ा महत्व है।
राजाबाबु गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान