Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha
रेवाड़ी में संपन्न आचार्य अतिवीर मुनिराज का चातुर्मास कलश स्थापना
हरियाणा की पुण्यधरा पर प्रथम बार धर्मनगरी रेवाड़ी में प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज 'छाणी' परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य...
नेहल सेठी ने 99% अंक प्राप्त कर जिले में प्राप्त किया द्वितीय स्थान
भीलवाड़ा, 22 जुलाई - सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में नेहल सेठी ने 99% अंक प्राप्त कर जिले में...
सावन महोत्सव एवं नवीन कार्यकारिणी में सपना पाटनी अध्यक्ष एवं सोनिका भैंसा मंत्री निर्विरोध...
अजमेर 25 जुलाई दिगम्बर जैन सोषल ग्रुप (मेन) अजमेर के तत्वावधान में होटल मेरवाडा एस्टेट पर ग्रुप की सावन महोत्सव मनाया गया जिसमें सभी...
भक्त की भक्ति का अतिशय बनाते विगड़े काम – मुनि श्री सुधासागर जी
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में रविवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपंुगव सुधासागर महाराज ने कहा भक्त की भक्ति बेमिशाल है श्रद्धा...
पत्रकार मेघा जैन को वसुंधरा राजे ने कोरोना जन जागृति के लिए सम्मानित किया
झालावाड। जब देश में चारों और हाहाकार मचा हुआ था कोरोनाकाल में हर आदमी तरस्त था तब जैन पत्रकार महासंघकी सदस्या पत्रकार मेघा जैन...
युवाओं को विवेकशील होना जरूरी है: मुनिश्री विशल्य सागर
झुमरीतिलैया (कोडरमा)आज पानी टंकी रोड स्थित नया जैन मंदिर के प्रवचन हाल में जैन संत गुरुदेव 108 विशल्य सागर जी की अमृतवाणी को सुनने...
आगमज्ञाता पुच्छिस्सु णं साधिका डॉ. साध्वी श्री सौरभसुधाजी म सा की गुरु गुणगान वाणी
भांडुप मुलुंड उपसंघ में परम पूज्य गुरुदेव अभिग्रह धारी रोड जी स्वामी और श्रमण संघ के निर्माणकर्ता मालव केसरी गुरुदेव श्री सौभाग्य मलजी महाराज...
साधु की पहचान पंथ से नहीं उसके शांत परिणामों से करना: मुनिश्री आदित्य सागर
इंदौर। आज का समय बहुत विपरीत हो गया है पंथवाद के नाम पर समाज में बहुत विसंगति आ गई हैं। साधु का कोई
पंथ नहीं...
43 वां भव्य जैन मुनि चातुर्मास मंगल कलश स्थापना समारोह हुआ आयोजित, जैन संत...
पिडावा सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में गुरुवार को दोपहर 1 बजे भव्य चातुर्मास कलश की स्थापना अन्नपूर्णा पैलेस में संपन्न हुई। समाज...
स्वभाव मेरी संपत्ति है और कर्मों ने उस पर कब्जा कर रखा है: मुनिश्री...
इंदौर। जीवन आपका अस्त-व्यस्त है क्योंकि आपका अपने जीवन के प्रति शुभ भाव नहीं हैं। जिन्होंने स्वभाव की प्राप्ति कर ली वह वंदनीय हैं।...