भगवान की पूजा अर्चना कभी व्यर्थ नहीं जाती – उपाध्याय विहसन्त सागर

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भिंड /अस्थानिका महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र बरासो जी जैन मंदिर में विराजमान मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर महाराज मुनि श्री 108 विश्वसाम्य सागर जी महाराज के ससंग सानिध्य में 25 मार्च से 28 मार्च 2024 तक भगवान महावीर स्वामी का महामस्त्तिकाभिषेक एवं श्री 1008 सहस्त्रनाम विधान का आयोजन चल रहा है जिसमें आज भगवान महावीर स्वामी का महामस्त्तिकाअभिषेक करने का अवसर अशोक कुमार जैन डबरा वालों को प्राप्त हुआ एवं द्वितीय तृतीय चतुर्थ अभिषेक भक्त जनों के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर महाराज ने कहा कि भगवान की कोई भी पूजन विधान पाठ कभी व्यर्थ नहीं जाती है जिसमें सहस्त्रनाम विधान ऐसा विधान है जिसमें आधी व्याधि को दूर करने के लिए एवं घर में सुख शांति स्वास्थ्य लाभ एवं विघ्न बाधा को दूर के लिए किया जाता है क्योंकि मेरी आस्था इस मंदिर से इसलिए जुड़ी है कि एक बार मुझे सीत रोग हो गया था कई वेद हकीमी को दिखाया लेकिन उसमें कोई लाभ नहीं मिल रहा था एक बार स्वप्न में मुझे बताया की बरासो जैन मंदिर जाओ वही तुम्हारा रोग समाप्त होगा और जब मैं यहां आया बैठकर पूजन पाठ और ध्यान लगाए उसके बाद जैसे मानो चमत्कार हो गया हो मेरा चर्म रोग तीन दिन के अंदर सही हो गया तभी से मेरी आस्था इस मंदिर से जुड़ी है कई भक्त जनों को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी होने पर मैं भगवान महावीर स्वामी बरासो वाले बाबा के दर्शन के लिए बोलता हूं और पूजन पाठ करने के लिए प्रेरित करता हूं जो भक्तजन समझ जाते हैं वह दौड़े दौड़े मंदिर दर्शन को आते हैं कई भक्त जनों के रोग शोक दूर हुए हैं।

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