विज्ञातीर्थ क्षेत्र पर दशलक्षण मंडल विधान का आयोजन हो रहा है

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गुंसी जिला टोंक सितंबर 2024 सोमवार
महावीर कुमार जैन सरावगी नैनवा
परम पूज्य भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका 105 गुरु मां विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान में पर्युषण महापर्व पर दशलक्षण मंडल विधान के अंतर्गत आज सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजन की गई। प्रतिक जैन सेठी ने बताया की भक्तों ने मंडल पर 22 अर्घ्य चढ़ाकर भक्ति भावों के साथ आराधना संपन्न की। आज विधान के पुण्यार्जक बनने का सौभाग्य जैनेन्द्र पाटनी वरुण पथ जयपुर एवं गिरिश जैन निवाई सपरिवार ने प्राप्त किया। उत्तम तप धर्म को अंगीकार करते हुए पूज्य गुरु मां ने अनशन तप को धारण किया। आगामी अनंत चतुर्दशी को देवाधिदेव 1008 श्री वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर निर्वाण लाडू चढाया जायेगा। तत्पश्चात 18 सितम्बर को क्षमावाणी पर्व का आयोजन किया जाएगा। आवश्यक सूचना प्रतिक जैन सेठी ने बताया की 19 सितंबर को वार्षिक कलशाभिषेक का आयोजन दोपहर 4 बजे से होगा। सभी भक्तों को अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान के दरबार में भक्ति आराधना करने का सुअवसर प्राप्त होने जा रहा है। पूज्य माताजी ने उत्तम तप धर्म के बारे में सभी भक्तों को उपदेश देते हुए कहां कि तप आत्म सिद्धि का अनुपम साधन है। इसी से ही कर्मों की निर्जरा एवं साक्षात् मोक्ष की प्राप्ति होना संभव है। यह तप आत्म उन्नति के लिए किया जाए तो उत्तम है। सांसारिक सुखों के लिए किया गया तप वास्तविक सुख को नहीं दिलाता।
नवा रोज धर्म में बताया कि समस्त परिग्रह का त्याग करना ही उन्हें छोड़ना ही आज का धर्म है
साधु संत आर्यिका समस्त परिग्रह के त्यागी होते हैं
श्रावक त्याग नहीं करना चाह रहा
संसारी परिभ्रमण में रमा हुआ है
त्याग से ही जीवन की मुक्ति मिलना है
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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