वर्तमान के वर्धमान के अभिनंदन में उमड़ा जन सैलाब

0
210
  • पूज्य आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज का बिजयनगर में हुआ ससंघ पर्दापण
  • श्रद्धालुओं ने अगुवाई कर किया अभिनंदन, जगह-जगह सजे स्वागत द्वार

बिजयनगर, अजमेर – प.पू. दिगंबर जैन आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज का बुधवार को ससंघ मील चौक स्थित संचेती कॉलोनी में पर्दापण हुआ। इस अवसर पर सकल जैन समाज सहित शहरभर के श्रद्धालुओं का सैलाब वर्तमान के वर्धमान के अभिनंदन में उमड़ने से नहीं रहा। आचार्य प्रवर ने कुशवाह फार्म हाउस रोड़ स्थित शांतिनाथ जिनायतन से विहार किया। तत्पश्चात प्राज्ञ महाविद्यालय के बाहर पहुंचे यहां दिगंबर जैन समाज सहित सकल जैन समाज ने अगुवाई कर आचार्य प्रवर का अभिनंदन किया। बाद में गाजे बाजे के साथ गांधी स्मारक उद्यान, पीपली चौराहा, महावीर बाजार होते हुए आचार्य प्रवर सथाना बाजार स्थित श्री चंद्रप्रभु मंदिर प्रांगण पहुंचे। जहां दर्शन वंदन के बाद आचार्य प्रवर के साथ श्रद्धालुओं का हुजुम विवेकानंद सर्किल, सब्जी मंडी, बालाजी चौक होते हुए मील चौक स्थित संचेती कॉलोनी पहुंचा। श्वेतांबर जैन साध्वियों ने भी आचार्यश्री को रास्ते में नमोस्तु कर अगवानी की।

इस दौरान बड़ी तादाद में मौजूद युवाओं से लेकर बुजुर्गोँ ने जैन धर्म एवं आचार्य प्रवर के जयकारों से सड़कों को गुंजायमान कर भावों से अभिनंदन किया। वहीं आचार्य प्रवर के अभिनंदन में शहर के प्रमुख चौराहो व बाजारों में स्वागत द्वार सजाए गए। यहां आयोजित धर्मसभा के दौरान लाभार्थी लाभार्थी गोधा परिवार ने पाद पक्षालन किया। तत्पश्चात आसपास के संघों से आए पदाधिकारियों ने श्री फल भेंट कर आचार्य प्रवर को वंदन-अभिंनदन किया। गुरू भक्त राजेन्द्र जैन, महावीर सनावद एवं डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर ने आचार्य प्रवर की महिमा से उपस्थित धर्मावलम्बियों को रूबरू करवाया।

इस मौके पर दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष प्रभाचंद बड़जात्या, शान्तिनाथ जिनायतन अध्यक्ष पवन शाह, श्री वर्धमान जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी संस्था मंत्री प्रकाशचंद बड़ौला, कोषाध्यक्ष दिलीप मेहता, श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष टीकमचंद गोखरू, पूर्व अध्यक्ष विमल कोठारी, सुभाष कासलीवाल, पदम चंद जैन, महेन्द्र गोधा, पवन गोधा, सुखमाल जैन, संदीप शाह, सुभाष अजमेरा, बीजेएस अध्यक्ष सम्पतलाल कांठेड़, विमल भंडारी सहित बड़ी संख्या में दिगंबर जैन समाज के सहित अन्य धर्मावलम्बी मौजूद रहे।

हमारी आत्मा ही बिजयनगर

वात्सल्य वारिधि प.पू.आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ने कहा कि कर्म शत्रुओं पर विजय प्राप्त करके अपनी आत्मा को परमात्मा को बनाया जाता है। इसलिए बिजयनगर तो हमारे भीतर है। हमारी आत्मा ही बिजयनगर है। यदि हम पुरूषार्थ करे उस आत्मा को समझ सके, उस आत्मा के स्वरूप को पहचान सके तो वास्तव में मनुष्य जीवन को प्राप्त करके सार्थकता प्राप्त कर सकते है। आचार्य प्रवर ने पू. आचार्य शान्तिसागर जी महाराज की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि उन्होंने दिगंबर मुनि परम्परा को पुनर्जीवित किया। उन्होंने दिगंबर परम्परा अनुरूप चर्या की पालना करवाने के लिए देशभर में मंगल विहार कर आगम के अनुरूप दिगंबर मुनि परम्परा एवं चर्या से अवगत करवाने का प्रबल पुरूषार्थ किया। आचार्य प्रवर ने फरमाया कि सौभाग्य उदय में आने वाला है 2024 में जब ऐसे महान आचार्य शान्तिसागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण को 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। दिगंबर ही नहीं समस्त जैन समाज ऐसे आचार्य प्रवर का स्मरण कर अपने आप को धन्य कर सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here