भारतीय संस्कृति के खिलाफ मनाए जाने वाला वैलेंटाइन डे का बहिष्कार कर आत्म कल्याण की साधना सामायिक धर्म विषय पर कई संस्था संगठनों द्वारा संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में बोलते हुए तपागछ संघ सचिव उम्मेदराज रांका ने कहा कि युवा पीढ़ी को भ्रमित करने का बहुराष्ट्रीय कंपनी को फायदा पहुंचाने व भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाला वैलेंटाइन डे भारत में प्रसारित किया जा रहा है जो उचित नहीं है।
चिंतामणि पार्श्व मंडल सचिव अनिल मेहता ने शास्त्रों का सार बताते हुए देव गुरु धर्म पर अटूट श्रद्धा रखने की बात कही। वैलेंटाइन का विरोध प्रकट करते हुए श्रीमहावीर शासन स्थापना महोत्सव समिति के राष्ट्रीय महामंत्री धनराज विनायकिया ने कहा कि हमें विदेशी पर्व ना मना कर हमें भारतीय संस्कृति के अनुरूप पर्व मनाने चाहिए तभी संस्कृति टिकी रहेगी विनायकिया ने ज्ञान ध्यान साधना के साथ सामयिक साधना को एक महान आराधना बताया। अ भा जैन गौरव समिति राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश चौपड़ा संयोजक केवलराज सिंघवी जगदिशचंद्र खांटेड़ शिक्षाविद गौतम मेहता भरत भाई आदि ने वैलेंटाइन डे का बहिष्कार कर के भारतीय परंपरा के पर्व मनाने का आह्वान किया।संचालन विनायकिया ने किया।