उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का मतलब दृष्टि की पवित्रता है आत्मा में पूरी तरह लीन हो जाना उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है, आत्मा के माध्यम से ही जीवन का कल्याण हो सकता है

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धर्म परायण नगरी डिग्गी में आचार्य 108 श्री इन्द्रनंदी जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में चल रहे दस दिवसीय आध्यात्मिक साधना शिविर में दसलक्षण महापर्व महोत्सव के अन्तिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की हुई पूजा, कार्यक्रम में जैन धर्म के 12वैं तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान का मनाया मोक्ष कल्याणक महोत्सव हर्षोल्ल्लास पूर्वक

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का मतलब दृष्टि की पवित्रता है आत्मा में पूरी तरह लीन हो जाना उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है, आत्मा के माध्यम से ही जीवन का कल्याण हो सकता है

आचार्य
इन्द्र नंदी जी महाराज

डिग्गी/फागी संवाददाता

धर्मपरायण नगरी डिग्गी में शांतिनाथ जिनालय साधना केन्द्र में चातुर्मास कालीन वाचना में विराजमान आचार्य श्री इन्द्रनंदी जी महाराज, मुनि श्री उत्कृष्ट सागर जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में पंडित बृजेश कुमार शास्त्री के दिशा- निर्देश में अग्रवाल समाज 84 के तत्वाधान में चल रहे दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व के अन्तिम दिन 10 वें रोज उत्तम ब्रह्रमचर्य धर्म की पूजा हुई कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया की शांति नाथ जिनालय में प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद विभिन्न धार्मिक क्रियाएं हुई, बाद में आचार्य श्री के पावन सानिध्य में पंडित बृजेश कुमार शास्त्री के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा जैन धर्म के 12 वें
तीर्थंकर वासु पूज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक का जयकारों द्वारा सामूहिक रूप से निर्वाण कांड भाषा का वाचन कर निर्वाण लाडू चढ़ाकर विश्व में सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की गई।कार्यक्रम में दशलक्षण महापर्व के सौधर्म श्री गोविन्द जी जैन -श्रीमती राज जैन जर्मन निवासी ने आचार्य श्री इन्द्रनंदी जी महाराज स संघ का पाद प्रक्षालन करके जिनवाणी भेंट करने का सोभाग्य प्राप्त किया।कार्यक्रम में आचार्य इन्द्र नंदी जी महाराज ने ब्रह्मचर्य धर्म पर प्रकाश डालते हुए अपने मंगलमय उदबोद्बन में श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आत्मा में पूरी तरह से लीन हो जाना ही उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है, ब्रह्म का अर्थ है आत्मा ओर आत्मा के समीप ही रहना उत्तम ब्रह्मचर्य है।भोग विलास में जितना मनुष्य फंसता है और अपनी विषय वासना की पूर्ति के लिए भाग दौड़ मचाता है उतना ही वह अपनी आत्मा से दूर हो जाता है, आत्मा में अनंत शक्ति है, आत्मा के माध्यम से ही जीवन का कल्याण हो सकता है। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दृष्टि की पवित्रता है,इसे मुक्ति का मार्ग माना जाता है,इसको जीवन में अपनाने से परम सुख की प्राप्ति होती है कार्यक्रम में आचार्य श्री ने सभी पूज्यार्थियों को दस लक्षण विधान में दस दिवसीय निर्विघ्न पूजा अर्चना करने पर मंगलमय आशीर्वाद दिया और कहा कि यह सारा कार्यक्रम श्री गोविन्द जैन -श्रीमती राज जैन जर्मन वालों के सहयोग से सहर्ष सम्पन्न हुआ उसकी अनुमोदना हेतु इनको मेरा बहुत -बहुत मंगलमय आशीर्वाद देते हुए कहा की आगे भी आप धर्म की प्रवाहना बढ़ाते रहे,ओर आप दिनों दिन उन्नति करते रहे दीर्घायु एवं चिरायु रहें ऐसी भावना भाते हुए उन्होंने बारम्बार आशीर्वाद देकर कृतार्थ किया, तथा सभी श्रावक श्राविकाएं को भी दशलक्षण महापर्व में धर्म की प्रभावना बढ़ाने पर बारम्बार मंगलमय आशीर्वाद दिया ओर कहा कि उक्त साधना केन्द्र में आप कभी भी आकर संयम साधना करें और अपना जीवन धन्य कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करें इस पवित्र स्थान पर दीक्षाऐं भी हुई है, समाधि भी हुई है और अनेक धार्मिक आयोजन भी होते आ रहे हैं।कार्यक्रम में दिनेश कुमार जी जैन पीपलू निवाई वालों को दस दिन के निर्विध्न उपवास करने पर आचार्य श्री ने मंगलमय आशीर्वाद दिया तथा अग्रवाल समाज 84 की कमेटी ने दिनेश कुमार जैन का भव्य सम्मान कर मंगलमय शुभकामनाएं दी

कार्यक्रम में धर्मावलम्बीयों द्वारा विनय पाठक,पंचपरमेष्ठी भगवान,मूलनायक शांति नाथ भगवान, देव, शास्त्र, गुरु की पूजन, नव देवता पूजन, सोलह कारण पूजन, दस लक्षण पूजा, सरस्वती पूजा तथा निर्वाण क्षेत्रों की पूजा, सहित अनेक पूजाएं कर सुख समृद्धि की कामना की,*कार्यक्रम में मुनि सेवा समिति के मंत्री विमल कुमार जैन एवं फागी पंचायत के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा ने बताया कि कार्यक्रम में सौधर्म इंद्र गोविंद जैन -श्रीमती राज जैन के साथ 51इन्द्र इन्द्राणियां पूजा अर्चना कर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं, तथा विधान पर श्रीफलों द्वारा 22अर्घ्य अर्पित किए।कार्यक्रम में अग्रवाल समाज 84 के अध्यक्ष अनिल सूराशाही,कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार जैन पराना , फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, सत्यप्रकाश जैन चित्रकूंट
सांगानेर,अग्रवाल सेवा सदन डिग्गी के संचालक गोविंद जैन एवं प्रकाश जैन डिग्गी, महावीर प्रसाद जैन,मिलाप चंद गोयल पचेवर, शांतिलाल गोयल पचेवर,प्रेमचंद लोहिया लावा,ज्ञानचंद लोहिया डिग्गी,ओमप्रकाश जैन पचेवर, विमल कुमार जैन पचेवर,सीताराम जैन, प्रमोद गोयल लावा,हरिशंकर गर्ग,बिरधी चंद जैन मालपुरा, भागचंद जैन परवण मालपुरा , कजोड़ जैन सूंथडा उनियारा,पदम जैन पीपलू वाले निवाई, तथा राजाबाबू गोधा फागी सहित सभी पदाधिकारी गण श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे‌‌ उक्त कार्यक्रम के समापन बाद आचार्य श्री ने सभी श्रावक श्राविकाओं को मंगलमय आशीर्वाद प्रदान किया।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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