समता भाव धारण करना ही उत्तम आर्जव धर्म :आचार्य प्रमुख सागर

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गुवाहाटी: फैंसी बाजार के भगवान महावीर धर्म स्थल में दस लक्षण धर्म की आराधना अत्यंत श्रद्धा व भक्ति भाव पूर्वक विभिन्न कार्यक्रमों के साथ की जा रही है। मौन संस्कार साधना शिविर एवं सभी धार्मिक कार्यक्रमों में अधिकाधिक संख्या में समाज के सभी सदस्य एवं महिलाएं तथा युवा भाग ले रहे हैं। पर्युषण पर्व के तीसरे दिन आज(बुधवार) को प्रातःश्रीजी की शांतिधारा अभिषेक, नित्य नियम की पूजन के उपरांत मंडल विधान की पूजन आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में अत्यंत भक्ति भावपूर्वक संपन की गई। पर्युषण पर्व के तीसरे दिन आर्जव धर्म की व्याख्यान करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि सर्वत समता भाव सहज – सरल दृष्टि, वस्तु का जैसा स्वभाव है उसे वैसा ही जानना, मानना और उस रूप प्रवृत्त होना ही आर्जव धर्म है। आचार्य श्री ने कहा कि माया का वजूद अदभुत है। इसके कारण इंसान की आंखों पर लोभ का चश्मा चढ़ जाता है, उसकी तृष्णाएं बढ़ती जाती है, लोभ ज्यो-ज्यो बढ़ता है इंसानियत घटती है। दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष महावीर जैन (गंगवाल) एवं मंत्री वीरेंद्र कुमार सरावगी ने पुण्य अर्जन करने वालों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। पुष्प वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओमप्रकाश सेठी ने बताया कि आज प्रातः आचार्य श्री ससंघ के मुखारविंद से शांतिधारा करने का परम सौभाग्य नथमल-अशोक कुमार पांडया परिवार गुवाहाटी एवं वीरेंद्र कुमार-बीना देवी सरावगी परिवार गुवाहाटी को प्राप्त हुआ।यह जानकारी प्रचार-प्रसार विभाग के सह संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।

सुनील कुमार सेठी
प्रचार प्रसार विभाग , श्री दिगंबर जैन पंचायत , गुवाहाटी (असम)

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