साधुओं की रक्षा करना ही सबसे बड़ी वैयावर्ती है

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आर्यिका 105 प्रतिभामति माताजी

अतिशेष क्षेत्र शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर तेंदूखेड़ा दमोह मध्य प्रदेश के 12 सितंबर 2023 जिनालय में सोलह कारण महापर्व पर्व पर बूंदी की गुरु शिष्य पुष्यांशी जैन बंदी ने नए-नए भजन पूजन संगीत में यंत्र से भक्तों को अपनी मधुर वाणी से विभोर किया

आर्यिका ने वैयावर्ती भावना से श्री कृष्ण के चरित्र को लेकर बताया की से पीड़ित मुनिराज को जिस प्रकार औषधि दान देकर के राजा ने आगामी तीर्थंकर बनने का पुण्यबध कर लिया था ठीक उसी प्रकार हमें भी सदैव साधु की वैयावर्ती करके पुण्य का लाभ प्राप्त करना है मनुष्य जीवन का सार्थक फल होना आयिका ने बताया
अपार भक्तों को यह भी बताया ससारं में किए गए अज्ञानता वस पापों का षय करने का एक मार्ग धर्म
है दूसरा कोई मार्ग नहीं है
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी

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