राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने जयपुर शहर में भट्टारक जी की नसियां में भगवान महावीर के 2551 वें निर्वाणोत्सव अहिंसा पर्व वर्ष का किया उद्घाटन

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भगवान महावीर जन जन के

आचार्य शंशाक सागर

फागी संवाददाता/ जयपुर

जयपुर – 24 अक्टूबर – पूरे विश्व को जीओ और जीने दो का संदेश देने वाले, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर विश्व वन्दनीय भगवान महावीर स्वामी के2551 वें निर्वाण महोत्सव अहिंसा पर्व वर्ष का उदघाटन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भगवान महावीर के चित्र का लोकार्पण कर एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जैन बन्धु शामिल हुए। कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए कहा कि राजस्थान जैन सभा जयपुर के तत्वावधान में सकल जैन समाज की ओर से आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में 2551 वें निर्वाण महोत्सव अहिंसा पर्व वर्ष का उदघाटन समारोह गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारक जी की नसियां के तोतूका सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर माननीय राज्यपाल हरीभाऊ बागडे मुख्य अतिथि एवं समाजश्रेष्ठी सुधान्शु कासलीवाल, उमराव मल संघी एवं प्रमोद पहाड़िया विशिष्ट अतिथि थे, कार्यक्रम में आचार्य शशांक सागर महाराज ने अपने मंगलमय उद्धबोधन में कहा कि भगवान महावीर जन जन के है, आज बहुत ही शुभ दिन है 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर, 24 तारीख, 24 वां साल है और हरि के हाथों से हरि का काम हो गया। इससे स्पष्ट होता है कि देश समृद्धि एवं खुशहाली की ओर बढेगा। उन्होंने मंदिरों का बिजली का बिल फ्री करने, जैन कल्याण बोर्ड का गठन करने का माननीय राज्यपाल से आव्हान किया। इससे पूर्व राज्यपाल ने अपने उदबोधन में जैन बन्धुओं को भगवान महावीर का 2551 वां निर्वाणोत्सव अहिंसा पर्व वर्ष के शुभावसर के मौके पर बधाई देते हुए कहा कि जैन धर्म में ऋषभदेव से भगवान महावीर तक तीर्थंकरों की परम्परा रही है। भगवान महावीर के सिद्धांत जीओ और जीने दो सहित सत्य, अहिंसा, अचौर्य, शाकाहार, ब्रह्मचर्य आज भी प्रासंगिक है। क्षमापना पर्व को भगवान महावीर की देन बताते हुए कहा कि जो क्षमा करता है, वह मन से बडा होता है। क्षमा से मन विशुद्ध होता है। उन्होंने महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मांगीतुंगी अतिशय क्षेत्र पर स्थापित 108 फीट की एक पत्थर की भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का जिक्र करते हुए भारतभूमि को महापुरुषों की भूमि बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन न केवल जैन समाज के लिए बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि महावीर स्वामी ने अपने जीवन के माध्यम से सत्य, अहिंसा, करुणा और अपरिग्रह के जो मूल्य हमें प्रदान किए, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे। भगवान महावीर स्वामी का 2550 वां निर्वाणोत्सव आगामी दीपावली पर सम्पन्न होगा तथा इसी दिन 01 नवम्बर से भगवान का 2551 वां निर्वाणोत्सव वर्ष प्रारंभ हो जाएगा।भगवान महावीर का दिव्य संदेश था कि केवल बाहरी सुखों का त्याग ही मोक्ष का मार्ग नहीं है, बल्कि आंतरिक विकारों का शमन करना और आत्मा को शुद्ध करना ही सच्चा धर्म है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि जीवन में अहिंसा ही सर्वोच्च धर्म है और प्रत्येक प्राणी का सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उनके सिद्धांत हमें यह प्रेरणा देते हैं कि हम एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सहानुभूति और आदर का भाव रखें। भगवान महावीर के उपदेश हमें सही मार्ग दिखाते हैं। उनका जीवन एक ऐसा दीपक है जो हमें अपने आचरण और विचारों में शुद्धता और ईमानदारी का प्रकाश प्रदान करता है। उनके द्वारा दिए गए पंच महाव्रत—अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह—सभी के लिए पथ-प्रदर्शक हैं।भगवान महावीर के आदर्शों का पालन कर हम सभी एक सशक्त, शांति और सद्भावना से पूर्ण समाज का निर्माण करें। यह महोत्सव हम सभी को आत्म-चिंतन करने और अपने जीवन में उनके सिद्धांतों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है।
इससे पूर्व उन्होंने आचार्य शशांक सागर महाराज को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन ने स्वागत उदबोधन के माध्यम से राजस्थान जैन सभा द्वारा की जा रही समाजोपयोगी गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं राज्यपाल महोदय से छात्रावास एवं समाज के उपयोग के लिए राज्य सरकार से शीघ्रातिशीघ्र भूमि आवंटन करवाने की मांग करते हुए लिखित में पत्र दिया। कार्यक्रम में सभा के मंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि भगवान महावीर का 2550 वां निर्वाणोत्सव वर्ष पूर्ण होने जा रहा है। शुक्रवार दिनांक 1 नवंबर को भगवान महावीर के 2551 वे निर्वाण महोत्सव की मंगल बेला प्रारंभ होगी और यह वर्ष भगवान महावीर का 2551 वां निर्वाण महोत्सव वर्ष कहलायेगा, ओर कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से लेकर वर्तमान शासन नायक 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर की देशना के माध्यम से संपूर्ण जगत में अहिंसा का मार्ग प्रशस्त है, अहिंसा के प्रणेता जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने शब्दों कर्म और विचारों में अहिंसा पर बल दिया है एवं विश्व शांति की स्थापना में समस्त राष्ट्रों के परस्पर संबंधों के सुधार में यह 2551 वां निर्वाण महोत्सव बहुत ही प्रभावशाली सिद्ध होगा। कार्यक्रम में जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने बताया कि इस मौके पर धर्म संरक्षणी महासभा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जैन तिजारिया, तीर्थ जीर्णोधार कमेटी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष धर्मचंद पहाड़िया, जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन, भागचंद जैन मित्रपुरा‌ दुर्गापुरा, डॉ अनिल जैन, ज्योति नगर जनकपुरी जैन मंदिर के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला, मुनी भक्त सुरेंद्र पांड्या महावीर नगर जयपुर, राजेश रवि अलवर,संजय जैन कांमा, अमन जैन कोटखावदा, तथा जैन गजट के राजाबाबू गोधा सहित सभी पदाधिकारी गण मोजूद थे।इस मौके पर समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों, गणमान्य श्रेष्ठीजनों, मंदिर कमेटियों के प्रतिनिधि, महिला मण्डलों , युवा मण्डलों, जैन सोश्यल ग्रुपों, दिगम्बर जैन सोशल ग्रुपों के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में जैन बंधु शामिल हुए ।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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