पुजारियों और श्रावकों ने भारी संख्या में भाग लेकर जिनेंद्रदेव जी के अभिषेक और शान्तिधारा संगीतमय विधान से हुई।

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श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर स्कूल ब्लॉक शकरपुर में 28 अगस्त से 6 सितम्बर तक पर्युषण पर्व पर 10 दिन दशलक्षण विधान का आयोजन हुआ। विधान की सभी क्रियाओं सहित विधानाचार्य पं. श्री रविन्द्र जैन के निर्देशन में संगीतमय सम्पन्न हुए।
पुजारियों और श्रावकों ने भारी संख्या में भाग लेकर जिनेंद्रदेव जी के अभिषेक और शान्तिधारा संगीतमय विधान से हुई।
14 सितम्बर क्षमावाणी पर्व के
आयोजक उपाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र जैन ने बताया कि यह पर्व जैन धर्म का प्रमुख पर्व है, सभी लोगों ने एक-दूसरे से क्षमा भाव प्रस्तुत किए और आत्मशुद्धि एवं सद्भाव का भी संदेश दिया।
उपमंत्री श्री राजेश जैन ने कहा कि कार्यक्रम का शुभारम्भ पारस महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत कर किया गया। श्री जैन ने कहा कि दशलक्षण पर्व की शुरुआत भी क्षमा से होती है और समापन भी क्षमावाणी से होता है। समाज के वरिष्ठ लोगों ने अपने-अपने विचारों से उत्तम क्षमा की महत्त्वा बड़ी ही बारीकी से समझाई। समाज के वरिष्ठ नागरिकों एवं अतिविशिष्ट व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन और चित्र अनावरण कराया गया। इसके पश्चात सभी अतिथियों का तिलक और माला एवं पटका पहनाकर स्वागत किया गया।
पारस महिला मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती अंजू जैन ने बताया कि सायंकाल महाआरती के पश्चात शास्त्र सभा और भजन संध्या और अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मण्डल की महामंत्री श्रीमती प्रीति जैन से बात करने पर पता चला की क्षमावाणी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में मण्डल की महिलाओं द्वारा डांडिया, छोटे बच्चों के नृत्य ने दर्शकों का मनमोह लिया। कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक कार्यों में भाग लेने वालों को मण्डल की उपाध्यक्ष श्रीमती रीता जैन, कोषाध्यक्ष वर्षा जैन, सांस्कृतिक मंत्री शिखा जैन, दिव्या जैन, बीना जैन, सुषमा जैन, सुनीता जैन, सुशीला जैन आदि ने पुरस्कार वितरण किया।
-शैलेन्द्र जैन

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