प्रसिद्ध समाजसेवी महावीर प्रसाद जी छाबडा इम्फाल निवासी का हुआ अचानक देहावसान

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परिवार एवं समाज में दौडी शोक की लहर

फागी संवाददाता

प्रसिद्व समाजसेवी देव शास्त्र गुरु के परम भक्त श्री महावीर प्रसाद जी छाबडा इम्फाल निवासी का दिनांक: 3 जून 2024 को इम्फाल (मणिपुर) में अचानक देहावसान हो जाने से पूरे परिवार एवं समाज में शोक की लहर दौड़ गई, जैन गजट संवाददाता राजाबाबू गोधा को समाजसेवी ज्ञानु पहाड़िया से जानकारी पर ज्ञात हुआ कि श्री महावीर प्रसाद जी छाबड़ा स्व. श्री गुलाबचंद जी एवं स्वर्गीय श्रीमती जड़ाव देवी छाबडा के सपुत्र थे श्री महावीर प्रसाद जी का जन्म 12 दिसम्बर 1938 को ग्राम मांडोता जिला सीकर (राजस्थान) में हुआ था। आपने मेट्रिक तक शिक्षा हासिल की थी।आपका विवाह 21 जून 1958 को डिमापुर निवासी स्वर्गीय श्री छोगमल जी- पतासी देवी पाटनी की पुत्री स्व. श्रीमती गुलाबी देवी के साथ हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुआ था।आप अपने पीछे अपना भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गये हैं। आपके दो पुत्र हैं श्री प्रदीप कुमार -श्रीमती रेखा देवी, एवं श्री मनोज कुमार -श्रीमती जुली देवी तथा आपके दो पौत्र दो पोत्री व एक प्रपोत्र हैं जो धर्म की भव्य प्रभावना बढ़ा रहे हैं। आप सभी सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले हैं,श्री महावीर प्रसाद जी धार्मिक अनुष्ठानों तथा कार्यक्रमों में तन-मन-धन से भागीदारी के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने अपने जीवन में देश के कई तीर्थों की वंदना की थी। स्वर्गीय महावीर प्रसाद जी ने लगभव पिछले 50 वर्षो से इम्फाल जैन समाज के विभिन्न पदों पर रहकर समाज की सेवा की है,जैसे 21 वर्ष तक कोषाध्यक्ष, तीन वर्ष तक मंत्री व 6 वर्ष तक अध्यक्ष व अपने अंतिम समय तक जैन समाज इम्फाल के संरक्षक पद पर रहते हुए उक्त पदों को सुशोभित किया।
महावीर प्रसाद जी बहुत ही हंसमुख प्रवृत्ति के इंसान थे। उनके चेहरे पर हमेशा मधुर मुस्कान व्याप्त रहती थी। आज वे हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी अच्छी यादें हमेशा हमारे बीच रहेंगी तथा उनके कार्य भावी पीढ़ी को सामाजिक व धार्मिक कार्यों में भागीदारी हेतु प्रेरित करते रहेंगे,सकल दिगम्बर जैन समाज इम्फाल भगवान महावीर से कामना करता है कि दिवंगत आत्मा को शांति व सद्गति प्रदान कर उनको मोक्ष प्रदान कर श्री चरणों में स्थान दें एवं उनके समस्त परिजनों को इस अपूरणीय क्षति से हुए दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे यह जानकारी हमे इम्फाल से श्री ज्ञानू जी पहाड़िया ने दी है।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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