प्राकृतिक तरीके से खर्राटे बंद करें – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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जब सोते हुए व्यक्ति के नाक से अपेक्षाकृत तेज आवाज निकलती है तो इसे खर्राटे लेना कहते हैं। इसे ‘ओब्स्टृक्टिव स्लीप अप्निया’ कहा जाता है; अर्थात नींद में आपकी साँस में अवरोध उत्पन्न होता है।
कारण
इसके कारणो में नाक से लेकर श्वांश नली तक कोई भी कारण हो सकता है। छोटी गरदन, मोटापा इसके अन्य कारणो में सम्मिलित है।
चिकित्सा
खर्राटे भी कई प्रकार के होते हैं . कुछ लोगों की तो श्वांश नींद में पूरी तरह से अवरुध हो जाती है। यह एक गंभीर अवस्था है और लंबे समय में यह आपके हृदय और मस्तिस्क पर बुरा प्रभाव डालती है। इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती और व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है इसके कारणों की जाँच करने के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जोकि सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं . इसमे आपको एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में आपकी गतिविधियों को संकलित करता है। इसका विश्लेषण करके आपको उचित उपचार बताया जाता है जोकि वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने से, ऑपरेशन तक हो सकता है।
एक विशेषज्ञ ने दावा किया है कि खर्राटों से निजात दिलाने की ट्रिक उनके पास है। एक मनौवैज्ञानिक ने गले की मांसपेशियों को मजबूत करने की एक्सरसाइज बताई है। ताकि वह सोने के दौरान सांस लेते समय और छोड़ते समय कंपन्न नहीं करेंगे।
खर्राटे से निजात के ऊपाय।
: दुनिया में बहुत से लोग खर्राटों से परेशान हैं। खुद तो उन्हें खर्राटों की समस्या रहती ही है, लेकिन आसपाल के लोग उनके खर्राटों से परेशान रहते हैं। ब्रिटेन की लगभग आधी आबादी सोने के दौरान किसी न किसी समय खर्राटे लेती है। एक आंकड़े के मुताबिक ब्रिटेन की 41.5 फीसदी वयस्क आबादी सोने को लेकर संवेदनशील हैं। लेकिन खर्राटों को कम करने का उपाय है।
एक विशेषज्ञ ने दावा किया है कि खर्राटों से निजात दिलाने की ट्रिक उनके पास है। मनोवैज्ञानिक कैथरीन हॉल ने हैप्पी बेड्स के साथ साझेदारी में कहा है कि सोने से पहले अंग्रेजी वर्णमाला के स्वर (A,E,I,O,U) को जोर से दोहराना खर्राटों का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे गले की मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी और सोने के दौरान वह कंपन्न नहीं करेंगे, जो खर्राटों का प्रमुख कारण है।
खर्राटों से निजात का उपाय तो समझ में आ गया, लेकिन सवाल ये है कि खर्राटे आते क्यों हैं? खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं। खर्राटे जीभ, गले, मुंह और श्वास नली के कारण हो सकता है। सांस अंदर लेने और छोड़ने पर ये कंपन करते हैं, जिससे खर्राटे आते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप सो रहे होते हैं तो शरीर के ये हिस्से शिथिल और संकुचित हो जाते हैं।
क्या हो सकते हैं खर्राटों के कारण
ज्यादा वजन होने पर लोगों को खर्राटों की समस्या हो जाती है। इसके अलावा स्मोकिंग, ज्यादा शराब पीने, सोने के दौरान गले पर दबाव पड़ने से लोगों को भी खर्राटे की समस्या हो जाती है। कुछ रोग होने के चलते भी खर्राटे की समस्या होती है। उदारण के लिए स्लीप एपनिया होने पर खर्राटों का जोखिम रहता है। इस समस्या में सोने के दौरान सांस रुक-रुक कर चलती है।
उज्जायी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए आप एक आरामदायक आसान में बैठ जाएं और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। इसके बाद लंबी सांस लें। जब आप सांस लें तो कोशिश करें तो वो आपके गले से लगती हुई अंदर जाए। सांस लेते समय आपकी आवाज आनी चाहिए। दिन में यदि आप ऐसा 10-20 मिनिट तक ऐसा करते हैं तो आपको खर्राटी की समस्या में सुधार आएगा। इस प्राणायाम के जरिए हमारे गले और चेहरे के मसल्स में मजबूती आती है और साथ ही हमारी नींद में सुधार आता है। ये प्राणायाम दिमाग को शांत और ठंडा रखता है।
यदि आपकी गर्दन छोटी है और इसकी वजह से आपको सांस लेने में समस्या है, तो आप करवट लेकर सोएं, क्योंकि सीधे सोएंगे तो आपको सांस लेने में दिक्कतें होंगी। आप चाहें तो सिर के नीचे एक तकिया भी रख सकते हैं।
खर्राटों का इलाज़ जरूर करे अन्यथा यह अनेक बीमारियों का जनक हो सकता हैं .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ९४२५००६७५३

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