नवागढ़, ललितपुर। पितामह पंडित गुलाबचंद्र पुष्प के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में महरौनी विकासखंड में सोजना के पास स्थित प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम ब्र. जय कुमार जी निशांत भैया के निर्देशन में डॉक्टर ज्ञानचंद जी घुवारा की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक ललितपुर मोहम्मद मुस्ताक साहब के मुख्य आतिथ्य में, प्रतीक जैन जेल अधीक्षक टीकमगढ़, सुश्री विनिता जैन डिप्टी कलेक्टर ग्वालियर, जैन पंचायत ललितपुर के अध्यक्ष अनिल अंचल एवं भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन चुना के विशिष्ट आतिथ्य में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि इस मौके पर श्री नवागढ गुरुकुलम के छात्रों के द्वारा पर्यावरण संरक्षण नाटिका संपन्न हुई ।जिसमें पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया गया । पंडित गुलाब चंद जी पुष्प प्रतिष्ठाचार्य की पावन पुण्य स्मृति में उनके जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर वृक्षारोपण का कार्य संपन्न हुआ । जिसमें सभी अतिथियों ने वृक्षारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त किया ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि एसपी मोहम्मद मुस्ताक ने कहां कि यह मेरा सौभाग्य है कि ललितपुर जिले के इस ग्रामीण बीहड़ में इस प्रकार का एक क्षेत्र विकसित हो रहा है, यहाँ आकर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक अनमोल धरोहर को देखने का अवसर प्राप्त हुआ । मेरी रुचि इतिहास में है सभी दर्शनों में जैन दर्शन अहिंसा का पोषक है,इसी उद्देश्य के साथ यहां पर्यावरण संरक्षण की कार्यशाला संपादित हुई है। मैं समिति वालों को बधाई देता हूं मेरा मन है कि मैं यहां जो गुफाएं,सांस्कृतिक धरोहर है उसका दर्शन करूं ।
समारोह का सफल संचालन महामंत्री वीरचंद जैन नेकौरा ने किया, अतिथियों का आभार सुनील वैद्य ने संपादित किया।
इस पावन कार्य में क्षेत्र कमेटी के निर्देशक ब्र. जय निशांत जी, डॉ नरेन्द्र जैन टीकमगढ़,अध्यक्ष एडवोकेट सनत जैन, महामंत्री वीरचन्द्र जैन नेकौरा,चंद्रभान जैन डुंडा, जिनेन्द्र जैन, डॉ भरत जैन गुढ़ा, धर्मेश, इंजी. शिखर चंद्र जैन, नरेंद्र जैन, डॉ प्रदीप जैन, डॉ सुनील संचय, अशोक मैनवार, राकेश ककरवाहा,पंडित इन्द्र कुमार, सुरेन्द्र सोजना, संदीप जैन आदि उपस्थित रहे। आम,आंवला,करोंदा,अमरूद,अशोक ,सप्तपर्नी,जामुन,नीम, कदम्ब,गुलमोहर,अमलतास,विभिन्न फूलों के पेड़ आदि के सैकड़ों पौधे रोपे गए।
निर्देशक ब्र. जय कुमार निशांत जी ने कहा कि पर्यावरण को बचाना है तो हमें वृक्षारोपण करना होगा।बसुधा का अनुपम उपहार वृक्ष ही हैं।अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। जैनदर्शन में पृथ्वी, जल, वायु, वनस्पति, अग्नि में जीवत्व माना गया है। सदैव इनके संरक्षण और सम्वर्द्धन की बात आचार्यों ने कही है।