नोबेल शांति पुरस्कृत कैलाश जी सत्यार्थी पहुंचे ग्लोबल शांतिदूत आचार्य श्री सुनीलसागर जी के चरणों में

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सृष्टि का श्रेष्ठतम रूप है दिगंबरत्व
दिगंबरत्व से बढ़कर कुछ नहीं धन पद सब कम जान।
इंद्र चक्री वंदे जिन्हें यही रूप सबसे महान।।

आज आधुनिक युग में धन पद प्रतिष्ठा से अपने स्टेटस stetus का आकलन करते हैं ।ऐसे बड़े कहलाने वाले सेलिब्रिटी (celebrity) के मोबाइल स्टेटस पर जब दिगंबर जैन आचार्य श्री सुनीलसागर जी को वंदन करते हुए फोटो देखते हैं तो निश्चित रूप से निर्णय होता है कि बड़े होने का मापदंड अध्यात्म व चरित्र की निर्मलता है ।दिगंबर गुरु के पास दिखने को कुछ भी नहीं है पर यह कैसी विचित्रता है कि लोक में सबको जो चाहिए और शांति ,सुख ,आनंद प्रेम इनके पास पाया जाता है।

दुनिया के लिए बिल गेट्स अंबानी का कोश भंडार कीमती है। पर सच देखो तो गुरुवर का तो कोश बेशकीमती है। रत्नत्रय का अटूट खजाना पवित्र ऊर्जा का बैंक बैलेंस के लिए इंद्र व चक्रवर्ती भी पूजा करते हैं। दुनिया के केश (cash ) वाले भी दिगंबर मुनिका केशलोच  देखते रह जाते हैं। प्रधानमंत्री आदि पद की सत्ता से भी बढ़कर है सूरी परमेष्ठि का परिपूर्ण सत्य, अहिंसा ,अपरिग्रह ।डॉक्टर की मेडिसिन(medicine) से पावरफुल है गुरुवर का मेडिटेशन(meditation) बड़े world records भी इनकी तपस्या को अंकित न कर पाए।

बड़े पुरस्कार विजेता भी गुरुकृपा उपकार को तरसते हैं नेम फेम चर्चा प्राप्त सेलिब्रिटी भी दिगंबर रीति नीति चर्या  समक्ष नतमस्तक हो जाते हैं।5G संसाधन के से भी फास्ट एडवांस है हमारे गुरुजी की साधना इस अदृश्य तार से कोई एक बार कनेक्ट हो जाए तो वह पार हो जाते हैं तो फिर यहां अचिंत्य उपलब्धियां हो उसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। ख्याति, लाभ, पूजा दी में ग्रस्त नामधारी स ग्रंथ संत भी दिगंबरत्व की महिमा गरिमा को जानते हैं मानते हैं ह्रदय से स्वीकारते हैं।

तन मन से दिगंबरत्व धारण करने वाले मोक्ष पथ के पथिक अविरल रूप से निज कल्याण कर आगे बढ़ते हुए मंजिल की दूरी में  कटौती कर रहे हैं अविरल रूप से निज कल्याण कर आगे बढ़ती हुई मंजिल की दूरी में कटौती कर रहे हैं ।साथ ही व्यवहार से पाव पाव हर गांव गांव बिहार कर रहे हर कसौटी में हार न मानते हुए जन जन का कल्याण कर रहे हैं।

पूज्य पाद श्री गुरुवर सुनीलसागर जी के चरण जहां पढ़ते हैं वहीं तीर्थ बन जाता है ।जहां चरण रुक जाते हैं वहीं समवशरण बन जाता है ।आपके दर्शन मात्र कल्पवृक्ष का कार्य करते हैं। 26 वर्ष के इस संयम काल में 26 सौ से अधिक किलोमीटर पर विहार कर 26 लाख से अधिक लोगों का कल्याण किया है और 26 सौ से अधिक ऐसे सुप्रतिष्ठित पदाधिकारियों की सूची है जो आपको गुरु स्वीकार करते हैं विराटनगर में इस लिस्ट में एक महत्वपूर्ण नाम और जुड़ गया बीजी से बिजी व्यक्ति भी पूज्य श्री से पर्सनल मीटिंग करने व आशीष पाने तत्पर रहते हैं।

जन जन का आस्था केंद्र है दिगंबर जैन मुनि राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुलाबी प्रभावना कर आचार्य संघ निवाई होता हुआ पदमपुरा अतिशय क्षेत्र पहुंचा बाड़ा के पद प्रभु के चरणों में प्रकृति स्वरचित से भक्ति सुमन समर्पित कर निज आत्मा को पवित्र किया साथ ही जैनी युवाओं हेतु आयोजित इंपोर्ट एक्सपोर्ट प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन हुआ जिसमें प्रतिदिन बड़े उद्योगपति भी पधारे वह आशीष प्राप्त किया समित दिन सीमित दिन में विराट दूरी तय करने समय शरण ने विहार किया संग्रीला था रास्ता उसमें भी आपकी ज्ञान सभा में लीन था गांव में बड़ा सा था साला फिर भी तन में चल रही णमोकार की माला धन्य है गुरुवर का सरिया परिषद जाए ऐसी प्रसंता व प्रसन्नता देख कौन प्रभावित ना होगा मार्ग में अनजान व्यक्ति अपनी गाड़ी में से पूज्य श्री पर पुष्प वृष्टि करता रहा जो देखे वंदन करता साथी बौद्ध धर्म के अनुयाई संत ने भी बंदा में बनते प्रेषित किया।

कठिन मार्ग में व्यवस्था से बेपरवाह आपकी सरलता क्षमता व व्यवस्थित कृति कर्म पालन देखते ही बनता है गुरु भक्ति की शक्ति से निश्चित समय पर विराट संघ विराटनगर पहुंचा विराट जिन बिंबो वर्षों से लेटी हुई वह पंचकल्याणक जो होना है पुराणों से ज्ञात है कि 6 जनपदों में मत्स्य देश की राजधानी रही विराटनगर जहां कभी तीर्थंकर महावीर स्वामी का समूह शरम पहुंचा था आज वर्तमान की वर्धमान का सन्मति समय शर्म पहुंचाएं पांडवों के अज्ञातवास की भूमि आज जन-जन को ज्ञात हो रही है विराट पंचकल्याणक का शुभारंभ गुरु गुण अनुवाद उपकार स्मरण से हुआ फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी 18 फरवरी को मुनि कुंजर श्रमण परंपरा मुकुट मणि आचार्य श्री आदि सागर जी अंकलिकर का सेवन 79 वा समाधि दिवस मनाया गया।

विराट नगर की विराट व्यक्तित्व कैलाश जी सत्यार्थी पहुंचे विराट संग नायक आचार्य श्री के शरण मिश्रा में बी प्रकृति की गोद में स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर नसिया जी के प्रांगण में प्राकृत अचार्यश्री सत्संग संध्या में प्रतिक्रमण करने बिराजा था वहां स्थानीय कमेटी के विश्व प्रसिद्ध समाजसेवी नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्रीमान कैलाश जी सत्यार्थी आचार्य श्री के दर्शनार्थ पधारें कैलाश जी दोनों हाथ जोड़े आचार्य श्री की प्रशांत मुद्रा को एकटक निहारते रहे फिर हर्षित मन से हो भाव पूर्वक कहा कि आज सौभाग्य है हमारा एवं इस धरा का कि आप के पावन चरण पड़े आपके पुण्य प्रताप से निश्चित यहां सब अच्छा होगा ।

कैलाश जी मुनि संघ के पीछे जाकर सांस लेने लगे कि वात्सल्य शिरोमणि गुरुदेव ने नाम पुकारते हुए आग आगे आकर स्थान लेने को कहा आप विनम्र भाव से नीचे जमीन पर ही बैठ गए विश्व प्रसिद्ध व्यक्ति आत्मा सिद्धि व्यक्तित्व के श्री चरणों में यह दृश्य को चारों तरफ से सभी कैद करने लगे कैलाश जी ने कहा पूर्व में आचार्य तुलसी एवं मुनि श्री तरुण सागर जी के दर्शन लाभ मिले आज आप का सानिध्य पाकर धन्य हुआ आपके आगमन का सुना तो बस आना ही था यह सब जैन बंधु परिवार सही है आपने कहा कि आप श्री जैसे संतों के जीवन से समाज उत्थान का समय पुरुषार्थ है वह एक आदर्श मिसाल है आचार्य श्री ने सहमति देते हुए कहा कि अगर कोई दिगंबर संत नहीं बन सकता तो जीवन में आप जैसे ग्रस्त बनना चाहिए।

मोहन प्रिय मार्मिक प्रवचन कार गुरुवर व स्पष्ट वक्ता सदाचारी कैलाश जी के बीच आधा घंटा सारगर्भित शिक्षा प्रेरणा वृद्ध वार्तालाप के महत्वपूर्ण बिंदु

कैलाश जी ने कहा : : पूज्य श्री पास में हमारा आश्रम है 1996 का पुरुषार्थ है और तब से अब तक हजारों बच्चों को संरक्षण मिला है जिसमें कई एक्टर इंजीनियर हुए हैं वह सभी एक अच्छा जीवन जी रहे हैं।

आचार्य श्री ने पूछा कि; सब पिछड़े बच्चे होंगे बेटियों को भी पढ़ाया जाता है क्या?

कैलाश जी ने विनम्र शब्दों में कहा हां पिछले तो है ही खासकर जो बदमाशों द्वारा बेचने के लिए किडनैप किया जाते हैं ऐसे असहाय उपेक्षित वंचित बच्चे जिनका कोई नहीं है ऐसे बच्चों की संभाल करते हैं बालिका के लिए अलग आश्रम बना रखा है हम तो बने उतना करते हैं पर वास्तव में तो आपकी तपस्या वह उद्देश्य से बहुत प्रभावी सुधार हो सकता है । आचार्य श्री ने कहा कि आपका इंटरनेशनल कार्य है। कैलाश जी ने स्वीकृति देते हुए कहा कि 140 देशों में संस्था की ऑफिस एवं कार्यकर्ता सेवारत है।

आचार्य श्री ने आशीर्वाद देते हुए कहा बढ़िया विराट बिक खेल का कार्य है आज के समय में अहिंसा शाकाहार सहिष्णुता की कमी आ रही है कैलाश जी ने कहा कि बिल्कुल मानव में भौतिकता इतनी जबरदस्त प्रवेश कर चुकी है कि वह मशीन बन गया है सब इतना ही खत्म हो रही है ऐसे में संस्कृति को बचाना सबसे बड़ी जरूरत है।

आचार्य श्री ने कहा सच है आज यह हाल है कि 10:00 20 साल बाद कहेंगे कि इस इसी भारत में ऐसे तपस्वी सम्राट हुए हैं जो 48 घंटों में सिर्फ एक बार छाछ पानी लेकर वर्षों साधना करी थी और आज जिनका समाधि दिवस है वह तो 7 दिन में सिर्फ एक वस्तु का आहर लेकर वर्षों जीवित रहे तो मानना मुश्किल हो जाएगा। इस पर कैलाश जी ने कहा गुरु जी जब हमें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बुलाया वह वहां उद्बोधन होना था तब उसमें हमने शुरू की पंक्तियों में कहा था कि मैं ऋषि-मुनियों की भूमि से आया हूं।

मैं जहां से आया हूं 5 तीर्थंकर महावीर गौतम बुद्ध जैसे महापुरुष हुए हैं मन में यही था कि एक अरब से ज्यादा लोग सुनते हैं कई देशों के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री उपस्थित हैं तो वह सब जाने की महावीर कौन थे और सिद्धांतों के आधार पर ही समाज सेवा कर रहा हूं और विश्व शांति मुमकिन है बहुत उपकार है उनका हम सब पर आपने कहा मैं एकमात्र भारतीय हूं जी ने यह पुरस्कार मिला है महात्मा गांधी जी को मिलना था पर उनका स्वर्गवास हो गया आशीष ने मुस्कुराते हुए कहा कि

आप दूसरे गांधी ही तो हो धन्य है इतने बड़े पुरस्कार में बड़ों का उपकार स्मरण यही गुण साधारण व्यक्ति का ऊंचा उठाता है असाधारण सम्मान पात्र बनाता है पूरा समय कैलाश जी बड़ी विनम्र वैशाली मुद्रा में गुरु की वाणी झेलने बैठे रहे
आचार्य श्री ने आगे कहा कि हम पकपक बिहार करते हैं वह शाकाहार प्रचार करते हैं कई लोग अपनाते हैं अभी निम्स यूनिवर्सिटी में आशीर्वचन रूप बड़ा आयोजन रखा था वह पूछते हो कि पहले तो दिगंबर मुद्रा देख विद्यार्थियों को संकोच हुआ फिर जब प्रवचन हुआ तो विनय भाव से खड़े होकर हाथ जोड़कर विदा किया वह शाकाहार का समर्थन किया।
कैलाश जी ने इस पर कहा कि इंसान है मतलब इतना बुरा नहीं हो सकता हर एक के भीतर पवित्रता है बस आवरण बहुत ज्यादा है बस यह सही मार्गदर्शन की जरूरत है हर इंसान के भीतर एक खूबसूरत इंसान छुपा है जो आप संतो के दर्शन व प्रवचन से उजागर हो सकता है।

आपने अपनी बात बताई कि जहां तक शाकाहार की बात है वह स्वयं वह पूरा परिवार जिसमें दूसरी पीढ़ी तो अमेरिका ऊंची पढ़ाई कर चुकी है सभी इस हद तक पूर्ण सहकारी है कि बिस्कुट आदि किसी पदार्थ में अंडा डाला हो तो गंध मेल से पता चल जाता है दूसरी कोई चीज छूना भी दूर की बात है आचार्य श्री ने पूछा कि आपको विदेशों में तकलीफ पड़ी होगी पूरा खुलासा करते हुए बताया कि अब तो नहीं पड़ती क्योंकि जहां जाते हैं वहां सरकार के मुख्य अतिथि होते हैं और वही सारी व्यवस्था करते हैं पहले के समय में बहुत दिक्कत होती थी कई देशों में शाकाहार का अर्थ ही नहीं समझते चावल के साथ सांप के टुकड़े उबल रहे और वह अलग करते करके कहते हैं वेजिटेरियन है विवेकानंद आदि संस्था से में मिलता था पर ढूंढना मुश्किल बड़ी होटल जितनी औकात नदी पर डटे रहे कई बार भूखा रहना पड़ता था पर कुछ अलग समूह में नहीं डाला आज के समय में शराब तो पार्ट ऑफ पार्टी है शाम की शुरुआत इसी से होती है ऐसे स्थान पर भी जानते हैं कि हमें बुलाना है तो वहां शराब मांसाहार नहीं चलेगा

आचार्य श्री ने कहा कि आपकी डरता अनुकरणीय है इसी से इंसान प्रगति करता है प्रभावना करता है भूखे मर जाए पर किसी को मारकर भोजन करना स्वीकार नहीं साथ ही न करवाना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मिश्रीलाल गंगवाल का प्रसंग है कि विदेशी राजनेता वहां आए थे तो उन्हें मांसाहार नहीं ही दिया गया और नेहरु जी इस पर नाराज हुए तो भी परवाह न की

सिद्धांतों पर अटल रहे उन्हें आज भी याद किया जा रहा है आप भी इसी ढंग से पेश कर रहे हैं कैलाश जी ने कहा कि हम तो जीते हैं पेश करने की जरूरत ही नहीं है आपने कहा कि मूलत हां आप विदिशा मध्य प्रदेश से हैं आचार्य श्री ने कहा कि आपका जन्म उसी प्रदेश का है और कुछ देर विनोद भाव से आपसे आपस में बुंदेलखंडी में बात करते रहे आपने कहा कि वहां घर के पास जिन मंदिर था और कई मित्र भी जैन है फिर गंभीरतापूर्वक वर्तमान की जटिल समस्या की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि आज अरबों डॉलर कमाने के मुख्य तीन कार्य है पहला छोटे हथियार बनाना वह बेचना दूसरा व तीसरा मनुष्य का व्यापार लड़की को वेश्यावृत्ति हेतु बेचना इन पर आप अपनी प्रशस्त भावना वह उद्देश्य से इन समस्याओं को सुलझाएं हमारा जयपुर में रेलवे प्रोटेक्शन संबंधी इंटरनेशनल में जाना है वहां रेलवे में जो बच्चों का समूह का व्यापार होता है उस सुरक्षा की बात होगी।

आखरी महत्वपूर्ण चर्चा में कैलाश जी ने कहा कि हम शांति का थोड़ा पुरुषार्थ कर रहे छोटा पुरस्कार मिला है पर आप स्वयं शांति व साक्ष्य शांति के साक्षात अवतार है और उपस्थिति मात्र से शांति का संचार होता है तो हम और आप मिलकर जीवंत समस्या को समाधान का समाधान करें वह है कोरोना का हाल है सब घर पर बैठे रहे और मोबाइल चलाते रहे इसमें कंपनियों ने कमाने के लिए फ्री नेट पैक देकर ऐसे गुलाम बना दिया है आज ऑनलाइन चरित्र हनन हो रहा है हिसाब अश्लीलता परोसी जा रही है वीडियो कहीं के कहीं पहुंचाती है बच्चों के हाथों में इनका होना बुरी तरह भटका देता है बच्चों को बचाएं हम इसे मूल जड़ से मिटाने का प्रयास कर रहे हैं आपका आशीष बना रहे है ।

आचार्य श्री ने कहा हम तो सोच ही रहे हैं। आप क्रियान्वित कर रहे हैं साथ ही आपने श्रेष्ठ विचार प्रकट करते हुए वर्तमान मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि करुणा से लोक कल्याण हो सकता है। World welfore through compassion, करुणा से वैश्वीकरण पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि करुणा मतलब दूसरों के दुख दर्द को अपने दुख समान समझकर दूर करना मुझे तकलीफ हो तो मैं कैसे बिना प्रयत्न के सीधी उसे ठीक करता हूं बस वैसे ही ह्रदय स दूसरों की तकलीफ दूर करें फिर हमें अहंकार नहीं आता नहीं एहसान रत्ती होती है अपना ही तो किया है।

आचार्य ने कहा कि, महावीर वाणी में यही बात है कि जो अपने लिए चाहते हो वही दूसरों के लिए भी चाहो
कैलाश जी ने कहा यही सच्चा धर्म है इन्हीं से जाना है आप तो वास्तव में जीते हैं आप तो आशीष प्रदान करें वह हमारे आश्रम जरूर पधारें मुझे बहुत अच्छा लगा सभी मुनियों को बार-बार प्रणाम करते हुए आचार्य श्री से कहा की आज्ञा हो तो जाना चाहेंगे तुरंत ही दोबारा दर्शन होंगे यह पूरा विश्वास है।

आपके जाने के बाद आचार्य श्री ने शिष्यों को शिक्षा दी की कितनी हो ही उपलब्धि ऐसी शालीनता होना चाहिए नहीं इधर आना चाहिए कमिटी द्वारा कैलाश जी का स्वागत हुआ। आचार्य श्री ने आपको पुस्तक देते हुए  से पीछि का एक मोर पंख देते हुए आशीष प्रदान किया। नाम व काम में कैलाश पर्वत जैसी ऊंचाई पाने वाले कैलाश जी सत्यार्थी कैलाशपति आदिनाथ के लघु नंदन पूज्य आचार्य श्री के चरणो में नतमस्तक हो गए ।पूरे विश्व में जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जो सीधा मोदी जी प्रधानमंत्री देश विदेश के राष्ट्रपति आदि से संपर्क चर्चा करते हैं उठते बैठते हैं आज सबसे special अतिथि गुरुवर का सत्संग लाभ लेने बिना किसी formality के सहज  पधारे। दिगंबरत्व की ऊंचाई के सामने हर पद पुरस्कार बोना मालूम पड़ता है धन्य श्रावक की भावना लघुता एवं गुरुवर की भावना व प्रभुता।

आडंबर रहित निरग्रंथ आचार्य श्री सुनीलसागर जी महाराज एवं सादी पोशाक सफेद कुर्ता व सफेद बाल में कैलाश जी की बीच यह सफ़ेद चर्चा उच्च विचारों का आदान-प्रदान निश्चित रूप से समाज के काले कार्यों पर विराम को नई सक्रिय दिशा प्रदान करेगा ।गुरु के तप साधना की शक्ति व सज्जन की भक्ति संगठित हो जाए ,तो कलयुग में भी सतयुग की भावना साकार हो सकती है आचार्य श्री का रत्नत्रय नीत वर्धमान हो व जन-जन में जिन धर्म की प्रभावना हो नित नया इतिहास रचा जाए इसी भावना के साथ नमन।

-आर्यिका सुद्धमति माताजी

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