सेरोटोनिन की कमी, कितनी घातक -विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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स्वस्थ आहार को मूड ठीक रखने का सबसे कारगर तरीका माना जाता है। खाने की आदतों का प्रभाव सीधे तौर पर आपके मूड को प्रभावित करता है।  आप खुद को पूरी तरह से तभी स्वस्थ मान सकते हैं, जब आपका शरीर और मूड दोनों ही स्वस्थ हों। अक्सर हम शरीर को स्वस्थ रखने की तमाम कोशिशें करते रहते हैं लेकिन इस बीच में हम मानसिक सेहत को जाने-अनजाने नजर अंदाज कर देते हैं।

वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कोरोना का मस्तिष्क पर प्रभाव इस तरह से हुआ है कि कई लोग संक्रमण से ठीक हो जाने के महीनों बाद तक तनाव, चिंता और घबराहट जैसी समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण नहीं भी हुआ था उनमें भी कई तरह की मानसिक समस्याएं देखी जा रही हैं।

सेरोटोनिन की कमी होने से आपको कई दिमागी और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।कुछ खाद्य पदार्थों, जो नैचुरली इसकी कमी पूरी कर सकते हैं। आपका अक्सर बेवजह मूड खराब रहता है, आप उदास या चिड़चिड़े रहते हैं, तो यह आपके शरीर में सेरोटोनिन  की कमी का संकेत हो सकता है।  ट्रिप्टोफैन  से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है।

ट्रिप्टोफै एक एमिनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन का उत्पादन बढ़ाता है। यह आपके मूड को बेहतर बनाता है और सेहत को कई तरह से फायदे पहुंचाता है। सेरोटोनिन एक केमिकल होता है। यह मूड, नींद, पाचन, मतली, घाव भरने, हड्डियों के स्वास्थ्य, रक्त के थक्के और यौन इच्छा जैसे शरीर के कार्यों में अहम भूमिका निभाता है।
सेरोटोनिन का लेवल बढ़ाने वाले फूड

केला –

केले में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है। शरीर ५ – एच टी पी का उत्पादन करने के लिए ट्रिप्टोफैन का इस्तेमाल करता है। यह एक ऐसा यौगिक है, जो मूड ठीक करने वाले और नीद को बढ़ावा देने वाले सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को बनाता है।

बादाम –

बादाम में फोलेट और मैग्नीशियम सहित कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। मैग्नीशियम सेरोटोनिन को बढ़ाने के लिए जरूरी है। यह दिमाग में खुशी की भावनाओं को बढ़ाने का काम करता है। बादाम में विटामिन
बी २  और ई भी होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।

गाय का दूध –

गाय के दूध में ट्रिप्टोफैन होता है जो एक एमिनो एसिड होता है जो सेरोटोनिन का उत्पादन करता है। इससे आपको स्लीपिंग पैटर्न और मूड कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यही वजह है कि रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीने की सलाह दी जाती है।

अनानास –

अनानास सिर्फ विटामिन सी का ही भंडार नहीं है बल्कि इसमें ट्रिप्टोफैन होता है जो ब्रेन में सेरोटोनिन को बढ़ावा देता है। इसके अलावा अनानास में प्रोटीन ब्रोमेलेन होता है, जो पावरफुल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ आता है।

सोया उत्पाद –

सोया उत्पादों में ट्रिप्टोफैन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए आप अपने खाने में सोया मिल्क, सोया पनीर (टोफू) या सोया दही आदि शामिल कर सकते हैं।

नट्स और सीड्स –

नट्स और सीड्स में ट्रिप्टोफेन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है। यह सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू, मूंगफली, और अखरोट जैसे नट्स एमिनो एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

डार्क चॉकलेट खाने से आपका मूड अच्छा रहता है साथ ही आप शांत और खुश महसूस करते हैं। डार्क चॉकलेट एंडोर्फिन के उत्पादन को बढ़ा देता है। यह रसायन मस्तिष्क में खुशी और आनंद की भावना उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा डार्क चॉकलेट मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने, सूजन को कम करने और मस्तिष्क को स्वास्थ रखने में भी सहायक है। हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करने से लाभ मिलता है।

सेरोटोनिन लेवल कम होने के नुकसान –

सेरोटोनिन का लेवल कम होने से आपको चिंता, नींद की समस्या, कब्ज, पैनिक डिसऑर्डर, फोबिया और मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया का खतरा हो सकता है। सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाने के लिए आपको ऊपर बताई चीजों को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।

– विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन  संरक्षक शाकाहार परिषद्

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