नाशपाती–उपयोगी विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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विटामिन सी से भरपूर नाशपाती वजन कम करने में मददगार है। शुगर के मरीजों, घेंघा रोग से पीड़ित होने पर, एनीमिया, गठिया आदि में नाशपाती का सेवन काफी लाभप्रद साबित होता है। इसमें आयोडीन भी भरपूर मात्रा में होता है और यह घाव को जल्दी भरने में सहायक है।
नाशपाती फल में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखता है,
हिंदी में ‘नशपति’ के नाम से जाना जाने वाला नाशपाती रसदार, कुरकुरे, स्वादिष्ट और कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होता है। आसानी से उपलब्ध, इस फल में कैलोरी में कम होने के साथ-साथ विटामिन सी और फाइबर की उच्च सामग्री होती है, जो इसे आहार पर रहने वालों के लिए एक आदर्श नाश्ता बनाती है।
“नाशपाती आंत के स्वास्थ्य, वजन घटाने और प्रतिरक्षा के लिए भी अच्छा है। फल को खाली पेट या दिन में किसी भी समय खाया जा सकता है।”इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) से पीड़ित लोगों को इसे पके हुए रूप में खाना चाहिए।
नाशपाती, कुरकुरे, स्वादिष्ट और स्वादिष्ट सभी एक में,उन पर ध्यान देना चाहिए। ”
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली गतिविधि:
नाशपाती में पेक्टिन की उच्च सामग्री होती है, जो एलडीएल, ट्राइग्लिसराइड्स और वीएलडीएल के स्तर को कम करती है, जिससे उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम होता है।100 ग्राम नाशपाती में 56 कैलोरी होती है।
कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है:
नाशपाती अपनी पेक्टिक सामग्री के कारण एक सौम्य रेचक है। पेक्टिन एक प्रकार का फाइबर है जो पाचन तंत्र में वसायुक्त पदार्थों को बांधता है और उनके उन्मूलन को बढ़ावा देता है।
अर्श या पाइल्स से दिलाये राहत
नाशपाती के मुरब्बे में 250 मिग्रा नागकेशर चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है। इसके सेवन से दर्द और खून का निकलना कम होता है। [
मधुमेह विरोधी गतिविधि दिखाता है:
फल में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखता है।
कैंसर रोधी प्रभाव प्रदान करता है:
नियमित रूप से नाशपाती का सेवन मूत्राशय, फेफड़े और अन्नप्रणाली के कैंसर के खतरे को रोकता है। नाशपाती में उर्सोलिक एसिड होता है जो एरोमाटेज गतिविधि को रोकता है जिससे कैंसर से बचाव होता है। फलों में मौजूद आइसोक्वेरसिट्रिन डीएनए की अखंडता को बनाए रखता है।
अगर आपको नाशपाती से एलर्जी है, तो भूलकर भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर में कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। चेहरे, गले और जीभ पर सूजन इसके कुछ आम लक्षण हैं। नाशपाती के सेवन से आपको त्वचा में खुजली, साइनस के साथ ही उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
सी ५०४ कुंदन एस्टेट ,कांटे बस्ती ,पिम्पले सौदागर पुणे ४११०२७

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