आगरा*। परम पूज्य निर्यापक मुनिपुंगव श्री 108 सुधासागर जी महाराज संसघ सान्निध्य में एम डी जैन इंटर कालेज आगरा में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी निर्वाण के 2550 वर्ष (उपलब्धियां एवं मूल्यांकन) राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी 07 से 09 अक्टूबर 2023 आयोजित की जा रही है। त्रिदिवसीय संगोष्ठी 7 अक्टूबर को प्रातः बेला में उदघाटन सत्र के साथ शुरू हो गयी।
*7.10.2023 उदघाटन प्रथम सत्र* :
संगोष्ठी का उदघाटन सत्र प्रात: 7.30 से पूज्य मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में शुरू हुआ। सर्व प्रथम दीप प्रज्ज्वलन व चित्र अनावरण किया गया । पाद प्रक्षालन शास्त्र भेंट किया गया।
मंगलाचरण डॉ. राका जैन, नई दिल्ली ने किया।
अध्यक्षता प्रो. रमेश चन्द जैन नई दिल्ली संरक्षक अ. भा. दि. जैन विद्वत् परिषद् ने की।
बीज वक्तव्य संगोष्ठी संयोजक प्रो. अशोक कुमार जैन वाराणसी अध्यक्ष विद्वत परिषद ने किया।
इस सत्र के मुख्य अतिथि श्री प्रमोद जैन पहाडिया जयपुर कार्याध्यक्ष, श्री. श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर तथा सारस्वत अतिथि विद्वत श्री अभय कुमार जैन जी बीना रहे। संगोष्ठी निर्देशकद्वय डॉ. जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर , प्राचार्य अरुण कुमार जैन ब्यावर प्राचार्य, सांगानेर मंचासीन रहे।
संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन भारती, बुरहानपुर उपाध्यक्ष, विद्वत परिषद् ने सत्र का संचालन किया।
इस मौके पर श्री प्रदीप कुमार जैन PNC आगरा व ब्र. अरुण भैया जी ने विद्वत् परिषद की संरक्षक सदस्यता ग्रहण की।
इस सत्र में डॉ. जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर ने संस्कृत साहित्य में जैन चरितकाव्य एक ऐतिहासिक सिंहावलोकन विषय पर आलेख प्रस्तुत किया।
मुनिश्री का समीक्षात्मक प्रवचन हुआ।
*संगोष्ठी द्वितीय सत्र*
दोपहर 1.30 से संगोष्ठी का द्वितीय सत्र शुरू हुआ। मंगलाचरण डॉ सुनील जैन संचय ललितपुर ने किया। अध्यक्षता प्रो. फूलचंद जैन प्रेमी, वाराणसी ने की। सारस्वत अतिथि प्रो. जिनेन्द्र जैन, लाडनूँ व मुख्य अतिथि प्रो. वी. डी. शुक्ला अध्यक्ष इतिहास विभाग बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा रहे।
सत्र संचालन डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर ने किया।
इस सत्र में आलेख वाचन प्राचार्य अरुण कुमार जैन, सांगानेर ने जैन व्याकरण का उद्भव एवं विकास तथा प्रमुख वैयाकरण, प्रो. विजय कुमार जैन, नई दिल्ली ने जैन बौद्ध परम्परा में समानता के बिन्दु, प्रो. वी. डी. शुक्ला अध्यक्ष न्यास विभाग बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा ने जैन इतिहास के विभिन्न संदर्भ, विद्वत् श्री अभय कुमार जैन बीना ने दिगम्बर आगमों की रचना एवं टीकाएं,
प्रो. जिनेन्द्र जैन लाडनूँ ने जैन धर्म के प्रमुख संप्रदाय एवं उनके सैद्धांतिक मतभेद, विद्वत् श्री संजीव जैन ललितपुर ने तीर्थंकर महावीर चरण दिगम्बर जैनमुनि एवं आर्यिका परम्परा, डॉ. सुनील जैन ‘संचय’ ललितपुर ने द्रव्यानुयोग संबंधी प्रमुख साहित्य एवं आचार्य तथा द्रव्यानुयोग के प्रमुख सिद्धांत विषय पर अपने शोध लेख प्रस्तुत किए।
मुनिश्री ने सभी आलेखों की समीक्षा की।
सहसंयोजक विद्वत् सौरभ कुमार जैन रायपुर का योगदान रहा। आयोजक श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति आगरा का उल्लेखनीय रहा।
रात्रि में तृतीय सत्र का आयोजन हुआ।
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