बरमिंधम विश्वविद्यालय के कुलपति लार्ड करण बिलिमोरिया का महासभा कार्यालय में भव्य स्वागत

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स्वराज जैन – बरमिंधम विश्वविद्यालय, लंदन के कुलपति लार्ड करण बिलिमोरिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिंनाक 24 फरवरी 2023 को अपने भारत भ्रमण के दौरान श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, नई दिल्ली के कार्यालय में जैन धर्म और श्र्रमण संरकृति के बारे में जानकारी हेतु आये। लार्ड बिलिमोरिया के साथ प्रतिनिधिमंडल में जैन विदुषी, डाॅ. मेधावी जैन, प्रो. पलख जैन, तथा बेनेट विश्वविद्याालय की विदुषी सुश्री अदिति जैन तथा इंगलैड के कई प्रख्यात विद्वान और शिक्षाविद थे जो पुरातन जैन धर्म और श्र्रमण संस्कृति के बारे में वृहत जानकारी संयोजित कर रहे थे।

महासभा कार्यालय पहुँचने पर प्रतिनिधिमंडल का जैन परम्परागत तरीके से तिलक लगाकर व माल्यापर्ण कर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजराज जैन गंगवाल एवं राष्ट्रीय महामंत्री, श्री प्रकाशचन्द्र जैन बड़जात्या ने स्वागत किया। इन्टरनेशनल स्कूल आॅफ जैन स्टडीज के अध्यक्ष डा.शुगन सी. जैन ने लार्ड बिलिमोरिया को माल्यार्पण के पश्चात जैन धर्म व श्र्रमण संस्कृति के बारे में जानकारी दी। उन्होनें बताया कि जैन धर्म विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक है। महासभा के अध्यक्ष श्री गजराज जैन गंगवाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि लगभग 300 मिलियन जैन धर्मावलम्बी भारतवर्ष में हैं।

विदेशों में जैन समुदाय के सदस्यों की संख्या लगभग 5-6 मिलियिन हैं। उन्होनें महासभा द्वारा प्रकाशित पुस्तकें, जैन गजट की प्रति तथा अन्य पत्रिकायें तथा स्मृति चिह्न प्रतिनिधिमंडल को भेंट स्वरूप प्रदान किया। महामंत्री श्री प्रकाशचन्द्र जैन बड़जात्या ने भी विदेशो में जैन धर्म व श्र्रमण संस्कृति के बारे में विशेषकर भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह के महत्व पर प्रकाश डाला।

लार्ड बिलिमोरिया ने अपने संक्षिप्त अभिभाषण में महासभा के पदाधिकारियों व कार्यकत्र्ताओं को बताया कि उनके परिवार का लंदन में व्यापार सहभागी (बिजनेस पार्टनर)जैन है। वे गरीब व मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु लंदन में छात्रवृति प्रदान करते हैं। जैन धर्म व संस्कृति के बारे मे उन्होनें संक्षिप्त जानकारी दी। आज विश्व को भगवान महावीर के उपदेशों विशेषकर सत्य, अहिंसा, और अपरिग्रह की अत्यधिक आवश्यकता है। भगवान महावीर की शिक्षाओं से ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है।

अंत में उन्होंने कहा कि वे जैन धर्म से विशेष प्रभावित हैं। महासभा के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत करने पर लार्ड करण बिलिमोरिया ने हार्दिक आभार व्यक्त किया और अपने को उल्लसित व गौरवान्वित महसूस किया।
इन्टरनेशनल स्कूल फार जैन स्टडीज के अध्यक्ष डाॅ. शुगन सी. जैन ने प्रतिनिधिमंडल का महासभा कार्यालय में पदार्पण पर आभार व्यक्त किया। डाॅ. जैन ने जानकारी दी कि विश्व के करीब 15 विश्वविधालयों में जैन धर्म व श्र्रमण संस्कृति की शिक्षा दी जाती हैं।

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