कुंजवन उदगांव की पावन तप भूमि पर. अन्तर्मना प्रसन्न सागर जी महाराज. पुनः एक बार फिर व्रतो की श्रृंखला हुई प्रारम्भ_

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कुंजवन उदगांव की पावन तप भूमि पर.   अन्तर्मना
 प्रसन्न सागर जी महाराज.           पुनः एक बार फिर व्रतो की श्रृंखला हुई प्रारम्भ_ हुई                                                    सुख, शान्ति, आनंद, प्रेम और प्रसन्नता के लिये जागृत होना बहुत जरूरी है।      अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज.                      औरंगाबाद  उदगाव नरेंद्र /पियूष जैन भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का महाराष्ट्र के ऊदगाव मे 2023 का ऐतिहासिक चौमासा   चल रहा है इस दौरान  भक्त को  प्रवचन  कहाँ की
__तापस्वी सम्राट आचार्य सन्मति सागरजी महाराज की समाधि स्थल कुंजवन उदगांव की पावन तप भूमि पर पुनः एक बार फिर व्रतो की श्रृंखला हुई प्रारम्भ_ हुई
विगत कई वर्षो से चली आ रही! निरंतर साधना मे एक बार फिर साधना शिरोमणि तपाचर्या अंतर्मना आचार्य प्रसन्नसागर जी महाराज के द्वारा 26 अक्टूबर 2023 से वसंतभद्र व्रत की साधना प्रारम्भ हो गई हैँ जिसमे 40 दिवसीय 35 दिन व्रत 5 पारणा होंगे!जिसकी द्वितीय पारणा  दिनांक 07 नवंबर 2023 को पूर्ण हुई!
 तृतीय पारणा 15/11/2023 को होगा!_
तारीफ और खुशामद – ये दो शब्द है, लेकिन इनमें फर्क बहुत बड़ा है-?
तारीफ आदमी के गुण और काम की होती है ।
खुशामद – काम के आदमी की होती है।
जब मैं भक्तों से पूछता हूँ-? आप क्या करते हो? तो जवाब मिलता है – मैं व्यापार करता हूँ, मैं जोब करता हूँ, मैं पढ़ाई करता हूँ। फिर मैं पूछता हूँ-? आप अपने लिये क्या करते हैं? तो वो हड़बड़ा जाते हैं, बेचैन और परेशान हो जाते हैं। सुख, शान्ति, आनंद, प्रेम और प्रसन्नता के लिये जागृत होना बहुत जरूरी है। आप हमसे पूछो – अन्तर्मना गुरूदेव आप क्या करते हैं-? हम कहेंगे- अपने आप को खुश रखने के लिये हम अपनों से इच्छा और अपेक्षायें नहीं रखते हैं,, इसलिए 24 घन्टे प्रसन्नचित्त रहते हैं। अक्सर लोगों को यही नहीं पता कि उन्हें खुशी किन चीजों से मिलती है।
कुछ बातें उनके लिये जिनको खुश रहना है-
1. भीतर की आवाज को जरूर सुने, क्योंकि जब जब आप भीतर की आवाज को अनसुना करते हैं, तब तब जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय गलत हो जाते हैं।
2. अपने लक्ष्य को फोक्स करें।खुद के काम को बोझ और छोटा ना समझे, उत्साह से करें।
3. कभी मन को शान्त रखें और मन से कुछ ना चाहे। स्वयं और समय की कद्र करें। हम आप कितने खुश नसीब इन्सान है कि  जीने के लिये हमे सांसों का खजाना मिला है, पर सच यही है अगली स्वांस की कोई गारन्टी नहीं है…!      अंतर्मना गुरुदेव का तृतीय पारणा 15/11/2023 को होगा!सभी भक्तपरिवार दर्शनका लाभ ले!! नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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