कार्यक्रम में सात भव्य मुमुक्षु जीवों की जिनेश्वरी दीक्षा में श्रद्धालु हुए भावुक

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जयपुर शहर के सांगानेर चित्रकूंट कालोनी में स्थित कंवर का बाग में आचार्य सुन्दर सागर महाराज स संघ सहित सात मुनि, आर्यिका संघों की उपस्थिति में 38 पिच्छिकाओं के पावन सानिध्य में आयोजित चार दिवसीय भगवती जिन दीक्षा महोत्सव हुआ हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न

कार्यक्रम में सात भव्य मुमुक्षु जीवों की जिनेश्वरी दीक्षा में श्रद्धालु हुए भावुक

नवदीक्षित दिगम्बर जैन संतों की प्रथम आहार चर्या को देखने हैतु उमड़े श्रद्धालु

रविवार को देर रात्रि तक वैरागियों के विदाई उत्सव में गायक विक्की डी पारिख ने दी शानदार प्रस्तुति

पहली बार हुआ जयपुर में विशाल आयोजन

फागी संवाददाता/जयपुर
-03 नवम्बर –
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर की पुण्य धरा पर दिगम्बर जैन आचार्य सुन्दर सागर महाराज, आचार्य शशांक सागर मुनिराज, मुनि अरह सागर महाराज, मुनि आदित्य सागर महाराज, गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ सहित वीतरागी 7 मुनि, आर्यिका संघों की उपस्थिति में 38 पिच्छिकाओं के पावन सानिध्य में सांगानेर की चित्रकूंट कालोनी में आयोजित 4 दिवसीय जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव में अंतिम दिन सोमवार को संपूर्ण देश से आए हुए हजारों श्रावकों की उपस्थिति में कंवर का बाग में मुमुक्षु दीक्षार्थियों की भव्य जिनेश्वरी दीक्षा सम्पन्न हुई, उक्त कार्यक्रम में जैन गजट के संवाददाता राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि इससे पूर्व प्रातःकालीन बेला में नव दीक्षार्थियों का मंगल केश लोचन हुआ वही जिनाभिषेक, पूजा के बाद दीक्षा स्थल के लिए दीक्षार्थियों की बैण्ड बाजों के साथ विदाई शोभायात्रा निकाली गई।
कार्यक्रम में इससे पूर्व रविवार को रात्रि में वैरागियों का विदाई उत्सव मनाया गया ।
इस मौके पर पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, कार्यक्रम में महोत्सव के गौरवशाली अध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद एवं अध्यक्ष अशोक बोहरा काशीपुरा ने बताया कि सोमवार, 3 नवम्बर को दीक्षा के मुख्य आयोजन के तहत आचार्य श्री सुन्दर सागर महाराज, आचार्य शशांक सागर मुनिराज ससंघ सहित 38 पिच्छिकाओं के सानिध्य में कंवर का बाग में प्रातः 11.15 बजे से जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम शुरु हुआ कार्यक्रम में आचार्य सुन्दर सागर महाराज के द्वारा विभिन्न मंत्रोच्चारणों के साथ विधि विधान से सातों मुमुक्षु दीक्षार्थियों के दीक्षा संस्कार किये गए ।
सभी दीक्षार्थियों ने अपनी गलतियों की सबसे क्षमा मांगते हुए जिनेश्वरी दीक्षा देने हेतु निवेदन किया। इस मौके पर आचार्य सुन्दर सागर महाराज ने अपने मंगलमय उदबोधन में श्रावकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कलिकाल में हर किसी के वैराग्य के भाव नही बनते हैं,नंगी तलवार पर चलना सरल है किन्तु निर्ग्रन्थ जिनेश्वरी दीक्षा जिनेश्वरी लेकर दिगम्बर भेष धारण कर मोक्ष मार्ग पर चलना कठिन है। जिन शासन भिखारियों का नहीं भिक्षुओं का मार्ग है,जिन शासन लेने का नहीं देने का मार्ग है। इसके बाद सभी दीक्षार्थी मंगल चौक पर बैठ गये,
कार्यक्रम में आचार्य सुन्दर सागर महाराज ने चतुरविध संघों ,त्यागी व्रती, विद्वत विद्वानों सहित हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की स्वीकृति पश्चात दीक्षार्थियों का पंच मुठ्ठी केश लोचन किया, तथा शांति मंत्रों से सबके शिर पर गंधोदक क्षेपण किया, वर्धमान मंत्र के बाद सिर पर श्रींकार लेखन किया,हाथों में श्री लेखन कर अक्षत ,सुपारी,लोंग ,श्री फल आदि से संस्कार किये, कार्यक्रम में मुनि दीक्षा के 28 मूल गुण एवं क्षुल्लक दीक्षा के 11प्रतिमाओं का संस्कार किया गया, तत्पश्चात नामकरण संस्कार किया गया, जिसमें एटा निवासी बा. ब्रह. विकास भैय्या को मुनि 108 श्री सुयोग सागर नाम दिया गया, सागवाडा निवासी बा. ब्रह. उमंग भैय्या को मुनि श्रुतांश सागर,सागवाडा के ब्रह. पंकज भैय्या को मुनि सुधेर्य सागर, भीलवाड़ा निवासी ब्र. प्रकाश भैय्या को क्षुल्लक 105 सुधीर सागर, महाराष्ट्र की ब्रह. किरण दीदी को आर्यिका 105 सुस्थिरमति माताजी, माधोराजपुरा की ब्र. मंजू दीदी को क्षुल्लिका 105 सुस्थितमति माताजी एवं टीकमगढ़ की ब्र. नत्थी दीदी को क्षुल्लिका 105 सुस्थानमति माताजी का नाम दिया गया। कार्यक्रम में नामकरण पश्चात पूरा सभागार भगवान महावीर के जयकारों से गुंजायमान हो उठा,अन्त में नवदीक्षित सभी संतों आर्यिका माताजी को पुण्यशाली श्रावकों द्वारा पिच्छिका एवं कमण्डल एवं जाप्यमाला भेंट किये। अन्त में समाधि भक्ति पश्चात समापन हुआ, कार्यक्रम में मुख्य संयोजक सुनील जैन लोहेवाला, संयोजक चेतन जैन निमोडिया ने बताया कि इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सुपुत्र डाॅ कुणाल शर्मा, राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री गौतम दक, भारत सरकार के कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी, राज्यसभा के सांसद घनश्याम तिवारी , राजाखेड़ा के विधायक रोहित बोहरा ,हुमड समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश खोडनिया, सुरेश मिश्रा, श्रीप्रकाश तिवाड़ी, सुभाष चन्द जैन, प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, ज्ञान चन्द झांझरी,पूर्व जस्टिस एन के जैन, समाजसेवी अनिल जैन बनेठा , धर्म जागृति संस्थान के अध्यक्ष पदम बिलाला, जैन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विकेश मेहता , जिनेश जैन ,रमेश ठोलिया, माणक ठोलिया, विनय सोगानी, सत्यप्रकाश जैन, परवेश जैन, राजेश चौधरी ,केलास बैनाडा,विमल जौला निवाई, एडवोकेट विनोद जैन चकवाडा,विरेन्द्र दोषी, महावीर झंडा, महावीर अजमेरा फागी,अमर चन्द दीवान, सतीश खण्डाका, सुधीर गंगवाल, मनीष सोगानी, तथा राजाबाबू गोधा फागी सहित कई गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाकर मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में महामंत्री ओम प्रकाश कटारिया एवं मुख्य समन्वयक कैलाश चन्द सोगानी ने बताया कि इससे पूर्व समाज श्रेष्ठी सत्य नारायण – ललिता देवी, अमित – कविता, दिनेश – शैफाली मित्तल परिवार ने ध्वजारोहण किया,समाज श्रेष्ठी शांति कुमार – ममता सोगानी, प्रियतम – मयूरी सौगानी जापान वाले एवं सचिन – कल्पना जैन कामां वाले वात्सल्य समूह ने दीक्षा महोत्सव के कलश की स्थापना की। मुख्य अतिथि गजेन्द्र, प्रवीण – प्रिया, विकास – मेनका बडजात्या कामां वाले थे। पवन, रोमी, विनय गोधा परिवार एवं महेन्द्र – संतोष देवी, विकास – एकता जैन दीक्षा सहयोग पुण्यार्जक बने।
कार्यक्रम में देश के सुप्रसिद्ध मंच संचालक आगरा निवासी मनोज जैन कुशल मंच संचालन किया ,कोषाध्यक्ष महेन्द्र सोगानी एवं सांस्कृतिक मंत्री राहुल सिंघल ने बताया कि इससे पूर्व
प्रातः 4.00 बजे दीक्षार्थियों का मंगल केशलोचन किया गया । दीक्षार्थियों द्वारा प्रातः 7.00 बजे जिनाभिषेक के बाद श्री जी की पूजा की गई ,प्रातः 9.00 बजे मंदिर जी से दीक्षार्थियों की विशाल शोभायात्रा निकाली गई जिसमें श्रद्धालुओं के हुजूम के साथ दीक्षार्थियों का कंवर का बाग में भव्य मंगल प्रवेश हुआ
महोत्सव के कोषाध्यक्ष विमल पाण्डया एवं सह कोषाध्यक्ष संजय गंगवाल के मुताबिक
इस दौरान पूरे देश से लाखों श्रद्धालु इस महोत्सव के साक्षी बनने जयपुर में कंवर का बाग में एकत्रित हुए उल्लेखनीय है कि आज से 14 वर्ष पूर्व सन् 2011 में मध्य प्रदेश के सागर जिले में मंगल गिरी तीर्थ पर आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में कार्तिक शुक्ला तेरस अर्थात तिथि अनुसार आज ही के दिन सात जिनेश्वरी दीक्षाऐं हुई थी जिनमें से श्रुत संवेगी महाश्रमण आदित्य सागर मुनिराज, मुनि अप्रमित सागर, मुनि सहज सागर मुनिराज भी शामिल थे तथा आज तीनों मुनिराजों के समक्ष जयपुर चित्रकूंट कालोनी के कंवर का बाग में भी सात जिनेश्वरी दीक्षाऐं प्रदान की गई।
कार्यक्रम में संयोजक जिनेन्द्र जैन जीतू एवं प्रशासनिक समन्वयक एडवोकेट महावीर सुरेन्द्र जैन ने बताया कि इससे पूर्व इससे पूर्व रविवार को रात्रि में जयपुर में पहली बार प्रसिद्ध गायक विक्की डी पारीख की भजन संध्या हुई । जिसमें भक्ति की है रात बाबा आज थान आनो है…..,
नाता जोड लिया प्रभू से नाता जोड लिया…..
, बाबा का दरबार सुहाना लगता है……, भक्तो का दिल दिवाना लगता है…, मेरी अखिया तरसे तेरे दीदार के लिए मै बरसो तरसा बाबा तेरे प्यार के लिए….., जो संयम से जीवन श्रृंगारित करते हैं दीक्षार्थी आतम को हम वंदन करते हैं….,
महावीर तेरे ही नाम से हम पहचाने जाते….,
लहरादो लहरादो जिन शासन का परचम लहरा दो….., सांसो की माला में लू मै प्रभू का नाम…, सहित शिक्षाप्रद एवं आध्यात्मिक जैन भजनों की भव्य प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर राजीव जैन गाजियाबाद, अनिल बोहरा काशीपुरा, शांति कुमार ममता सोगानी जापान वाले, विनोद जैन कोटखावदा,राकेश गोधा, ओम कटारिया, सुनील जैन लोहेवाला, जिनेन्द्र जैन जीतू, चेतन जैन निमोडिया, विकास बडजात्या, राहुल सिंघल, एडवोकेट महावीर सुरेन्द्र जैन, एडवोकेट सुरेन्द्र सोगानी, मनीष सोगानी , राजाबाबू गोधा सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए,नवयुवक मंडल के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्र सोगानी एवं संयोजक चेतन जैन निमोडिया ने बताया कि मंगलवार, 4 नवम्बर को दीक्षित साधुओं एवं आर्यिका माताजी,क्षुल्लक, क्षुल्लिका के रूप में प्रथम आहार चर्या हुई।
कार्यक्रम में महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती बबीता सोगानी ने बताया कि आचार्य सुन्दर सागर महाराज पावन कर कमलों द्वारा 50 से अधिक जैनेश्वरी दीक्षा दे चुके हैं।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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