जैसे बरसात का जल संगठित करने से अमृत तुल्य बन जाता है – मुनि श्री विनय सागर जी

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सोनल जैन की रिपोर्ट

जीर्णोद्वारक संत, प्रशांत मूर्ति श्रमण मुनि श्री विनय सागर जी गुरुदेव के ससंघ का पुण्य शुद्धि वर्धक वषायोग भिंड के लश्कर रोड स्थित श्री 1008 महावीर कीर्तिस्तंभ मंदिर में चल रहा है, श्री 1008 महावीर कीर्तिस्तंभ जैन मंदिर पर सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में आयोजित 35 दिवसीय णमोकर जिनस्तुति विधान अनुष्ठान का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने णमोकर महामंत्र की पूजा अर्चना की।
श्रद्धालुओं ने अनुष्ठान में श्रीजी के अभिषेक करके शांतिधारा की एवं आचार्य श्री एवम् मुनि श्री विनय सागर महाराज की संगीतमय पूजन कर श्री फल अर्ध्य चढ़ाकर पूजा अर्चना की। मुनि श्री ने कहा कि जैसे बरसात का जल संगठित करने से अमृत तुल्य बन जाता है, वैसे ही धर्म को अंतरंग में सही तरीके से उतारने से और उसका पालन करने से जीव हमेशा शत् मार्ग पर चलता हुआ अपना मोक्ष मार्ग प्रशस्त कर सकता है। पुण्य शुद्धि वर्धक वषायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 विधान में श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 07.00 बजे णमोकर पैतिसी विधान प्रारंभ, सुबह 10.00 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10.30बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे णमोकर चालीसा बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन रहा है

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