जैन तीर्थ सिहोनियां में छः दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव

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5 से 10 फरवरी तक होगा भव्य आयोजन

मुरैना (मनोज जैन नायक) ग्यारहवीं शताब्दी का अति प्राचीन दिगंबर जैन तीर्थ अतिशय क्षेत्र सिहोनियाँ जी में श्री मज्जिनेंद्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक महोत्सव एवम विश्व शांति महायज्ञ 05 फरवरी से 10 फरवरी तक विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ होने जा रहा है ।
जैन समाज अम्बाह के अध्यक्ष एवम अतिशय क्षेत्र सिहोनिया के परम संरक्षक जिनेश जैन द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार दिगंबर जैन समाज के ख्याति प्राप्त संत अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में होने जा रहे श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक महोत्सव में कमल मंदिर, पंच मानस्तंभ, श्री चंद्रप्रभु जिनालय सहित 31 फुट की उतंग भगवान शांतिनाथ की प्राण प्रतिष्ठा होगी ।
इस महोत्सव को संपन्न कराने हेतु पूज्य आचार्यश्री वसुनंदी जी महाराज का अपने 26 शिष्यों के साथ जैन तीर्थ सिहोनिया जी में आगमन होगा । संभावना व्यक्त की जा रही है कि पूज्य गुरुदेव का 02 या 03 फरवरी को क्षेत्र पर भव्य मंगल आगमन हो सकता है ।
इस आयोजन की विशालता एवम भव्यता को देखते हुए अलग से आयोजन समिति का गठन किया गया है । जिसमें मुख्य संयोजक धन्नालाल जैन निर्माण विहार दिल्ली, अध्यक्ष रूपेश जैन मेघा फ्रूट्स दिल्ली, महामंत्री सुनील जैन मोना जनरेटर दिल्ली एवम कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश जैन दिल्ली को बनाया गया है । अन्य सभी व्यवस्थाओं के लिए संयोजक मनोनीत किए गए हैं ।
श्री मज्जिनेंद्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीर्थंकरों के पांच कल्याणकों गर्भ, जन्म, ज्ञान, तप एवम मोक्ष कल्याणक के संस्कार किए जाते हैं । अंतिम दिन पूज्य दिगम्बराचार्यो द्वारा पाषाण एवम अष्टधातु की जिन प्रतिमाओं को सूर्य मंत्र देकर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है ।
महोत्सव की सभी क्रियाएं प्रतिष्ठाचार्य मनोज जैन शास्त्री अहारजी के आचार्यत्व में संपन्न होंगी । मुख्य प्रतिष्ठाचार्य के साथ 11 अन्य विद्वानों की टीम भी सहयोगी के रूप में उपस्थित रहेगी । संगीतकार के रूप में ऋषभ जैन सरस दिल्ली अपनी सेवाए प्रदान करेंगे । छः दिवसीय आयोजन में 05 फरवरी को ध्वजारोहण के साथ गर्भ कल्याणक पूर्व रूप, 06 फरवरी को गर्भ कल्याणक उत्तर क्रिया, 07 फरवरी को जन्म कल्याणक, 08 फरवरी को तप कल्याणक, 09 फरवरी को ज्ञान कल्याणक, 10 फरवरी को मोक्ष कल्याणक के संस्कार किए जायेगें ।
ज्ञातव्य हो कि जिला मुख्यालय मुरैना से 33 किलोमीटर की दूरी पर (अम्बाह की ओर) एक विशाल एवम भव्य जैन मंदिर स्थापित है । जिसमें ग्यारहवीं शताब्दी की जैन तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ प्रभु की 16 फुट उतंग खड़गासन प्रतिमा एवम उनके आजूबाजू में भगवान कुंथनाथ प्रभु और भगवान अरहनाथ प्रभु की प्रतिमाएं विराजमान हैं । इस तीर्थ की विशेषता यह है कि ये तीनों प्रतिमाएं पाषाण की एक ही शिला पर बनी हुई हैं । साथ ही उक्त मूर्तियां उसी स्थान पर विराजमान हैं, जहासे ये खुदाई में प्राप्त हुई थी ।
सिहोनिया जी कमेटी के संरक्षक आशीष जैन सोनू ने बताया कि इस आयोजन में संपूर्ण भारतवर्ष से हजारों की संख्या में जैन धर्मावलंबियों की आने की संभावना को देखते हुए कमेटी ने तैयारियां प्रारंभ करदी हैं । आने वाले सभी बंधुओं के आवास एवम भोजनादि की समुचित व्यवस्था क्षेत्र पर की जा रही है । श्री अतिशय क्षेत्र सिहोनिया कमेटी, जैन युवा क्लब, सोनू मित्र मंडल ने सभी साधर्मी बंधुओं से कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में सम्मिलित होने की अपील की है ।

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