जयपुर। तत्कालीन झारखंड सरकार के प्रस्ताव पर जैन समाज के शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर पर्वत को केन्द्र सरकार ने पर्यटक स्थल (पिकनिक स्पॉट) घोषित किया था। जिसको लेकर पिछले काफी दिनों से देशभर में जैन समाज केंद्र सरकार और झारखंड सरकार का विरोध कर रहा था। बुधवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ” सम्मेद शिखर जैन तीर्थ को पर्यटक स्थल के प्रस्ताव को वापस लेने ” की घोषणा की। जिसका भारतवर्ष के जैन समाज ने स्वागत किया और साथ ही कहा की यह केवल घोषणा हुई है, जब तक लिखित पत्र प्राप्त नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए कहा की सम्मेद शिखर जैन समाज का मान है सम्मान है, केंद्र और राज्य सरकार ने बिना चर्चा, सलाह-मशवरा किए शाश्वत तीर्थराज पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित कर सकल जैन समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया था, सम्मेद शिखर जैन तीर्थ प्रत्येक समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यारा है इसलिए केंद्र और राज्य सरकार का हर स्तर पर विरोध किया गया। यह समाज की एकजुटता और अखंडता की ही ताकत थी, जिसने केंद्र और राज्य सरकार को अपने फैसले लेने मजबूर किया। केंद्र और झारखंड सरकार ने भले ही समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रचकर जैन बंधुओ को पीड़ाएं दी हो किंतु अब जब सरकार जैन समाज की ताकत के आगे झुककर अपनी घोषणा वापस ली है तो भारतवर्ष का जैन समाज इस फैसले का स्वागत करता है और केंद्र व झारखंड सरकार का आभार प्रकट करता है। अभी आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है जब तक लिखित आदेश प्राप्त नहीं हो जाते यह आंदोलन जारी रहेगा।