हिंदी मेरे भारत की है नई ज्योति नव आशा, हिंदी है करोड़ों जन जन की प्यारी भाषा

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हिंदी मेरे भारत की है नई ज्योति नव आशा, हिंदी है करोड़ों जन जन की प्यारी भाषा……………..
मानव सेवा संस्थान गढ़ी परतापुर द्वारा 14सितंबर से प्रारंभ हिंदी पखवाड़े के तहत स्थानीय पंवार परिसर गढ़ी में हिंदी हमारी अस्मिता की परिचायक विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। केंद्र सचिव हिम्मत सिंह पंवार ने बताया की गोष्ठी के मुख्य वक्ता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सेवा निवृत प्रबंधक अजीत कोठिया थे, अध्यक्षता श्रीमती सुगन कुंवर ने की। इस अवसर पर सुमन राठौड़, कुसुम कोठिया, शक्ति सिंह तथा महेंद्र सिंह ने भी हिंदी की महत्ता बढ़ाने पर विचार दिए। मुख्य वक्ता अजीत कोठिया ने कहा की हिंदी 140करोड़ भारतीयों की भाषा है और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली दूसरी भाषा है। हमे हिंदी में बोलने, लिखने ओर पत्राचार में प्रयोग करने पर गर्व होना चाहिए। अक्सर होता यह है कि अपना व्यक्तित्व बड़ा करने के चक्कर में हम हिंदी को हिंग्लिश बना देते हैं ऐसा करके हम न केवल हिंदी का नुकसान करते हैं वरन उसका दर्जा भी कम करा देते हैं। कोठिया ने बताया कि बैंक और वित्तीय संस्थान तक हिंदी प्रयोग में आगे आ रहे हैं तो अब हमें इसका खुलकर प्रयोग करने से परहेज नहीं करना चाहिए।
विश्व का उत्कृष्ट साहित्य हिंदी में ही रचा गया है और इसे हम सब को मिलकर विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा बनाने के लिए समर्पित होना चाहिए।
हिंदी पखवाड़े का समापन 28सितंबर को होगा
गोष्ठी संचालन हिम्मत सिंह पंवार ने किया आभार महिला प्रकोष्ठ की कुसुम कोठिया ने किया।

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