गुरु पुष्पदंत इतिहास दोहराते नहीं इतिहास बनाते हैं: आचार्य प्रमुख सागर

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गुवाहाटी :पुष्पदंत सागर महाराज एक ऐसे संत है, जिन्होंने इस समाज को जीवन्त बना दिया । उन्होंने अपने जीवन में जो किया वह एक इतिहास बन गया। उन्होंने मात्र 21 वर्ष में अपना गृह त्याग कर आचार्य विद्यासागर महाराज से सन्यास मार्ग लेकर मोक्ष मार्ग को प्रशस्त कर रहे हैं। उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण कर छोटे-छोटे बच्चों को दीक्षा देकर मोक्ष मार्ग पर बढ़ाया।आचार्य श्री ने कहा कि उनके प्रथम शिष्य आचार्य तरुण सागर महाराज बने जिन्होंने जैन धर्म को जन-जन का धर्म बना दिया। पुष्पदंत सागर महाराज इतिहास दोहराते नहीं इतिहास बनाते हैं ।उनकी करुणा का जीता जागता उदाहरण में स्वयं बैठा हूं। यह युक्त बातें आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने सोमवार को फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्म स्थल में आचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज के 72वें अवतरण दिवस के उपलक्ष में कहीं। उन्होंने कहा कि आज आचार्य श्री का जन्म महोत्सव हर भक्त बड़े धूमधाम से बना रहा है।इससे पूर्व आचार्य श्री के मुखारविंद से श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, दीप -प्रज्वलन, चरण प्रक्षालन, शास्त्र भेंट आदि करने का सौभाग्य मिश्रीलाल बाकलीवाल के सुरेश कुमार -ललिता देवी, अमित कुमार- स्नेहा देवी, सारव, कायरा, जेसवी बाकलीवाल परिवार गुवाहाटी को प्राप्त हुआ। प्रचार प्रसार के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि नव वर्ष के अवसर पर एवं गणार्चाय पुष्पदंत महाराज के अवतरण दिवस के उपलक्ष में तथा विश्व में शांति स्थापना हेतु शांतिनाथ महामंडल विधान का आयोजन किया गया। जिसमे बड़ी संख्या मे समाज के बच्चे, पुरूष एवं महिलाओं ने भाग लेकर पुण्यार्जन किया। इस अवसर पर साय: उपकार क्लासेज द्वारा कैसे बने सुशील से गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज नामक नाटिका प्रस्तुत कि गई। प्रचार प्रसार के सहसंयोजक सुनील कुमार सेठी ने बताया की बड़ी संख्या में लोगों ने गुरुवर का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य किया।।

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