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1 दिसंबर 1895 से प्रकाशित जैन समाज का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला साप्ताहिक

Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha

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अमृत वाणी

परंपराएं-मर्यादाओं में भले ही भेद, पर ‘सबका मालिक एक’

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औरंगाबाद (नरेंद्र कुमार अजमेरा पीयूष कासलीवाल ) -  स्वतंत्रता दिवस पर विविधताओं के बीच एकता का दृश्य था, ताे आज इसी औरंगाबाद की धरा...

राष्ट्र व धर्म की रक्षा सर्वोपरि – आचार्य अतिवीर मुनि

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परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में हरियाणा की धर्मनगरी रेवाड़ी स्थित अतिशय क्षेत्र नसियां जी में दिनांक 11...

तिरंगा हमारे घर, परिवार, समाज, देश और राष्ट्र की, आन बान शान का प्रतीक...

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"तिरंगा" सदभाव, प्रेम मैत्री, त्याग, बलिदान, नैतिक, धार्मिकता का बोध कराता है। तिरंगा ने ही स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में एक जुट होने और...

कविता – पर्वाधिराज

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पर्वाधिराज पर्युषण पर्व, वर्ष में तीन बार आते है। जिनालयों में भक्तिभाव से, पूजा अर्चना हम करते है।।1।। उत्तम क्षमा से शुरू होते, क्षमा वाणी तक हम मनाते है। दशलक्षण...

माँ बाप रूपी नीव पर मजबूत कंगूरे की तरह होती हैं संताने – आचार्य...

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कामां के विजय मती त्यागी आश्रम में वर्षायोगरत आचार्य विनीत सागर महाराज ने रविवारीय विशेष प्रवचन में कहा कि माता पिता के अहसानों को...

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