फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज द्वारा 13 सितंबर से प्रारंभ 7 दिवसीय सम्मेशिखरजी यात्रा 20सितंबर को प्रातः जयकारों के साथ सम्पन्न हुई। यात्रा के अंतिम दिन शुभमति माताजी के मांगलिक संसंघ सान्निध्य में रथयात्रा मध्यलोक से प्रारंभ हुई जो निहारिका कॉम्प्लेक्स तक जाकर पुनः गाजे बाजे के साथ मध्यलोक तक पहुंची। रथयात्रा में शामिल सभी भक्त पुरुष श्वेत धोती दुपट्टे में थे तो बहने पीली साड़ी पहने हुए थीं। रथ यात्रा में जैसे भक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा था। भक्त “हर साल शिखरजी में मेरी एक हाजरी हो, मुझे वही रोक लेना, जब सांस आखिरी हो”गीत कर भाव विभोर हो झूम रहे थे। फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज के संस्थापक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत कोठिया ने बताया की शोभा यात्रा के बाद दिन में गणिनी आर्यिका माताजी शुभमति माताजी के मांगलिक सान्निध्य एवं 5आचार्यों की उपस्थिति में भव्य सम्मेदशिखरजी विधान का आयोजन हुआ जिसमे भक्तों ने 71अर्घ्य समर्पित किये।
रात्रि में फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन गांधी, महामंत्री महेन्द्र बंडी, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र चांपावत, कौशल्या पतंग्या, दीपक भूता, वसंत दोशी, डॉ राजमल कोठारी, शरद पानोत, लता घीवाला, चकोर गांधी, संदेश गांधी, मिहिर गांधी, हंसमुख जैन गांधी, पूरब दोशी, राजकुमार बंडी, हार्दिक पंचोली, उर्मिला गांधी, अभय जैन, विजय तलाटी तथा पूर्व महामंत्री अजीत कोठिया ने सभी संयोजकों, सह संयोजकों, भामाशाहों, दानदाताओं, रेलवे आरक्षण में सहयोगकर्ताओं, भोजन व्यवस्था के समर्पित कार्यकर्ताओं और प्रचार प्रसार में सहयोगी भाई बहनों का मोमेंटो, माल्यार्पण तथा शाल ओढ़ाकर सम्मान किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन गांधी ने इस यात्रा को फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज के इतिहास में मील का पत्थर बताते हुए अगली बार 5000यात्रियों को सबके सहयोग से सम्मेद शिखरजी लाने की भावअभिव्यक्ति की।
सम्मान समारोह का संचालन महेंद्र बंडी, कौशल्या पतंग्या, अजीत कोठिया एवं महावीर कोटड़िया ने किया। आभार राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र बंडी ने किया।
सभी यात्रियों को ईसरी पार्श्वनाथ स्टेशन से राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र तथा शेष भारत स्थित गंतव्य स्थलों के लिए रजत मयी विदाई दी गई। यात्रा के दौरान सभी 1008यात्रियों ने तीर्थराज सम्मेद शिखरजी के सभी 20 टोंको की वंदना की, पहाड़ की परिक्रमा की तथा धनबाद, गिरिडीह, ईसरी, निमियाघाट के जैन मंदिरों के दर्शनों का लाभ लिया।
यात्रा संयोजकों विजय तलाटी, राजकुमार बंडीसहित सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने सभी समाजजनों एवं यात्रियों का इस विशाल एवं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मिलित यात्रा को सफल बनाने आभार व्यक्त किया।
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