भीलवाड़ा, 15 मार्च- वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ससंघ का किशनगढ़ से उदयपुर विहार चलते भीलवाड़ा जिले में मंगल प्रवेश के दौरान धर्म की महति प्रभावना हूई । आचार्यश्री का जहां- जहां रात्रि विश्राम, आहार चर्या हुई। वहां शहर से सभी कॉलोनियों के सैकड़ों की तादाद में पुरुष, महिलाएं, युवा पहुंचकर दर्शन लाभ, धर्म देशना का भरपूर लाभ लिया। आचार्यश्री ससंघ के सानिध्य में बैंड बाजों के साथ जुलूस के रूप में भक्ति करते जयकारों के साथ चल रहे थे । शहर के 18 मंदिरों के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में समाजजनों ने आचार्यश्री के विहार में भाग लिया।
आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने धर्म देशना में कहा कि 40 वर्षो के बाद राजस्थान में आना हुआ। भीलवाड़ा क्षेत्र ने काफी उन्नति की है। उन्होंने कहा कि भौतिकतावाद में आकुलता रहती है। सुख- शांति नहीं है। धर्म में ही सुख- शांति मिलेगी । उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बार गर्मी बहुत पड़ेगी। हमें भी संयम की रक्षा करने के लिए भीलवाड़ा छोड़ना पड़ रहा है। क्योंकि उदयपुर में आगामी पंचकल्याण में 5 दिन पूर्व में पहुंचना है। सकल दिगंबर जैन समाज ने जो आचार्यश्री के प्रति जो भक्ति, श्रद्धा दिखाई है। वह अनुकरणीय है। इस विहार में आचार्यश्री का आशीर्वाद, वात्सल्य भीलवाड़ा समाज को मिला। उसे भीलवाड़ा समाज कभी नहीं भूल पाएगा। दिगंबर जैन समाज ट्रस्ट के अध्यक्ष सोहनलाल गंगवाल ने सभी के सहयोग के प्रति आभार, धन्यवाद ज्ञापित किया किया ।