अष्टान्हिका पर्व पर आयोजित आठ दिवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन
आठ दिन में चढ़ाये सम्पूर्ण 2040 अर्घ
यमुनानगर, 17 मार्च (डा. आर. के. जैन):
श्री सुपाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अतिक्षय क्षेत्र बुडिय़ा के प्रांगण में चल रहे आठ दिवसीय श्री सिद्ध चक्र विधान का समापन धूम-धाम से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपक जैन ने की तथा संचालन आशीष जैन ने किया। भूषण जैन ने बताया कि दिगम्बर जैन आगम परम्परा में पूजा विधि-विधान को श्रावक का प्रमुख आचार धर्म बताया गया है। श्रावक के नित्य षट् कर्मों में सबसे पहले देव पूजा का ही उल्लेख है। जैन धर्म में अष्टान्हिका पर्व अपना एक विशेष महत्व रखते है। यह वर्ष में तीन बार आता है, और शहर के सभी जैन मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह पर्व आषाढ़, कार्तिक और फाल्गुन में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से प्रारम्भ होकर पूर्णमासी तक आठ दिन तक एकासन, उपवास, तप, त्याग, व पाठ करके किया जाता है। निखिल जैन ने जानकारी देते हुये बताया कि इस पर्व में पहले दिन सिद्ध भगवान के आठ गुणों को लेकर आठ अर्घ चढ़ाये जाते है। इसके बाद प्रत्येक दिन दुगने-दुगने अर्घ चढ़ा कर अंत में 1024 अर्घ चढ़ाये जाते है। सम्पूर्ण 2040 अर्घ आठ दिन में चढ़ाये जाते है। इन अर्घों के अतिरिक्त नित्य पूजा का क्रम भी प्रत्येक दिन रहता है। उन्होंने बताया कि विधान के अंत में चतुर्विशांति तीर्थंकर पूजा, जिनवाणी पूजा एवं गुरु पूजा भी की जाती है, और इसके पश्चात हवन प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। विधि विधानों में यह प्रक्रिया भी अत्यंत आवश्यक होती है। इसके बिना कोई भी यज्ञ आदि कर्म अधूरा है। अंकित जैन ने बताया कि इस विधान में जिन गुणों को लेकर अर्घ चढ़ाये गये वह भी बड़े सुन्दर व पठनीय है। चतुर्थ पूजा में जहां 64 अर्घ चढ़ाये गये वे 64 ऋद्धियां है। पर्व के दौरान श्री सिद्धचक्र का पाठ स्थापित किया जाता है, जिसमें प्रतिदिन पूजा, प्रक्षाल, अभिषेक, आरती व दैनिक पूजा पाठ में बैठने वाले करते है। उन्होंने बताया कि इस पाठ से अन्तराय टाल कर मौन सहित आहार करना चाहिये, और शक्ति के अनुसार मर्यादा धारण व्रत पूर्ण करना चाहिये। व्रत के दिनों में प्रतिदिन प्रभु जी का अभिषेक कर महोत्सव सहित पूजन किया जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया कि जब राजा श्रीपाल कुष्ठ रोग से घ्रस्त हो गये तो उनकी पटरानी मैना सुंदरी ने हृदय व परिश्रम से सिद्धचक्र का पाठ किया और शील धर्म व पतिवर्त का पालन कर प्रभु अभिषेक का गंदोदक राजा श्रीपाल के शरीर पर खिड़का, ण्मोकार मंत्र का गुणगान किया, जिससे राजा का शरीर स्वर्णिम सुन्दर व कामदेव के समान हो गया। उन्होंने यह महसूस किया की जैसे राजा को कभी कुष्ठ रोग हुआ ही नहीं था। इस प्रकार सिद्धचक्र का पाठ शांत चित्त से करने पर सभी प्रकार के दुख दर्द दूर हो जाते है। इस घटना से यह शिक्षा मिलती है कि हमें धर्म, ज्ञान के साथ करना चाहिये, और इस मार्ग को कभी भी छोड़ना नहीं चाहिये, इसी से मानव का कल्याण हो सकता है। इस अवसर पर अनिल जैन, मोहित जैन, ब्रजभूषण जैन, अतुल जैन, अशोक जैन, शुभम जैन, पवन जैन, रेखा जैन, सीमा जैन, नेहा जैन, रजनी जैन, अलका जैन, प्रभा जैन, दीपिका जैन, प्रीत जैन, रजनी जैन, अनीता जैन आदि उपस्थित रहे।
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कार्यक्रम में भाग लेते श्रद्धालु……………….(डा. आर. के. जैन)
वार्षिक सम्मेलन में विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम दिया मांग पत्र
यमुनानगर, 17 मार्च (डा. आर. के. जैन):
पैंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा निजी पैलेस के सभागार में वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रधान बी. के. मेहता ने की तथा संचालन परमजीत मेहता ने किया। मुख्यातिथि के रूप में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम की मेयर सुमन बहमनी ने शिरकत की। हरियाणा सिविल पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों को लेकर एक पत्र विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम दिया। जानकारी देते हुये प्रधान बी. के. मेहता ने बताया कि हरियाणा सरकार के समक्ष अपनी उचित मांगे उठाई जाती है और व्यक्तिगत रूप से संपर्क भी किया जाता रहा है परंतु अभी तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस मांग पत्र में केन्द्र सरकार द्वारा आयुष्मान योजना जो पूरे भारत में लागू है हरियाणा में इस योजना का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को प्राप्त नहीं हो रहा है। अस्पतालों यहां तक कि पी. जी. आई. चंडीगढ़ में भी आयुष्मान योजना के कार्ड स्वीकार नहीं किए जाते, उनसे इलाज का खर्च मांगा जाता है। हरियाणा सरकार से सेवानिवृत्त पेंशनरों के कैशलेस मेडिकल कार्ड नहीं बन रहे हैं, जबकि सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन 7 जुलाई 2024 को जारी कर दिया था। वित्त व लेखा विभाग द्वारा सभी पेंशनर्स व उनके आश्रितों का डाटा आयुष्मान विभाग को ना भेजने के कारण मेडिकल कार्ड नहीं बन रहे हैं। 65, 70, 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर क्रमशः: 5, 10, 15 प्रतिशत के मूल पेंशन में बढ़ोतरी जैसा कि हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों में यह सुविधा प्रदान की हुई है। नियमित चिकित्सा भत्ते की वर्तमान दर महंगाई के हिसाब से संशोधित की जाए। चश्मा, दांतों, व कानों की सुनने वाली मशीन के दामों में मार्केट रेट के अनुसार बढ़ोतरी की जाए। कम्यूटेशन की अवधि 16 वर्ष की बजाय 10 वर्ष की जाए जैसा कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कई केसों में रिकवरी स्टे आर्डर दिया है कई अन्य राज्यों ने भी इस अवधि को कम किया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा पैन्शर्स के हित में समय-समय दिए गए निर्णयों को सामान्यीकरण करके सभी पर लागू किया जाए। इस मौके पर डा. पवन कुमार धीमान, एस. के. बंसल, हरि सिंह ढींगला, एस. एल. दुरेजा, टेक चंद गौतम, एस. के. वर्मा, दयाल चंद, डी. सी. गोयल, कुंदन कालड़ा, आशा मेहता, विजय बब्बर, हरमीत कौर, प्रवीण छाबड़ा, रमन आहूजा, गुरदीप कौर सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करते अतिथि व उपस्थित सदस्य……………(डा. आर. के. जैन)