आर्यिका रत्न 105 गरिमा मति माताजी ,आर्यिका 105 गंभीर मति माताजी सघस्थ नव दीक्षार्थी डा.उर्वशी दीदी की मदनगंज किशनगढ़ की पावन धरा पर दीक्षार्थी की निकाली भव्य बिंदोरी एवं शोभा यात्रा

0
215

सकल दिगम्बर जैन समाज की अगुवाई में दीक्षार्थी दीदी का किया ऐतिहासिक अभिनंदन,बिनोरी एवं गोदभराई का हुआ भव्य आयोजन

फागी संवाददाता

आर्यिका रत्न 105 श्री गरिमा मति माताजी, आर्यिका 105 श्री गंभीर मति माताजी संघस्थ नव दीक्षार्थी डा.उर्वशी दीदी का मदनगंज किशनगढ़ की पावन धरा पर दीक्षा पूर्व दीक्षार्थी उर्वशी दीदी का भव्यता के साथ समाज ने ऐतिहासिक अभिनंदन किया जैन महासभा के मिडिया प्रवक्ता राजाबाबु गोधा ने जानकारी पर अवगत कराया कि कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज एवं बड़जात्या परिवार ने डाॅ. उर्वशी दीदी की मेहन्दी रस्म अदा कर छोल भराई की, कार्यक्रम में मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत व सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से बुधवार को डाॅ.उर्वशी दीदी का दीक्षा पूर्व अभिनंदन, बिनोरी व गोद भराई समारोह आयोजित किया गया। डाॅ. उर्वशी की जैनेश्वरी दीक्षा 1 जून को आर्यिका 105 गरिमामति माताजी एवं आर्यिका 105 गंभीरमति माताजी संघस्थ सानिध्य में डिमापुर नागालैंड में आयोजित होगी,आज के कार्यक्रम के पुण्यार्जक गुण सागर जी महाराज के संघपति प्रसिद्ध समाजसेवी विमलकुमार प्रेमचंद बड़जात्या मरवा वाले थे।दीक्षार्थी उर्वशी दीदी की भव्य अगवानी बैंड ,बाजा, ढोल धमाकों के साथ जयकारों के बीच महिलाओं ने नाचते-गाते हुए की, कार्यक्रम में मुनिसुव्रतनाथ पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी व संघपति विमल बड़जात्या ने बताया कि कार्यक्रम के तहत मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में बुधवार को सांय 7 बजे छोल भराई की गई। श्री मुनिसुव्रत नाथ दिगंबर जैन पंचायत के सदस्यों एवं सकल दिगंबर जैन समाज के सदस्यों ने श्रीफल, फल, सूखे मेवे, काजू, किसमिस, अखरोट, मिश्री आदि से दीक्षार्थी की छोल भरी। तत्पश्चात दीक्षार्थी डाॅ. उर्वशी दीदी की बैड-बाजों के साथ बग्गी मैं सवार होकर शोभा यात्रा मुख्य चैराहा, चन्द्रप्रभु मंदिर, आदिनाथ मंदिर, जैन भवन, सिटी रोड होते हुए आरके काॅलोनी स्थित विमलकुमार प्रेमचंद बड़जात्या के निवास स्थान पहुंची। जहां पर भी सकल दिगंबर जैन समाज के सदस्यों एवं बड़जात्या परिवार एवं इष्ट मित्रों सहित दीदी की छोल भरी गई । तत्पश्चात वहां विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें नरेंद्र कुमार एंड पार्टी द्वारा भक्तिमय मय प्रस्तुतियां दी गई।इस दौरान कार्यक्रम में श्रीमुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी, मंत्री सुभाष बड़जात्या, संजय पापड़ीवाल,दिनेश पाटनी, चेतन प्रकाश पांडया, निर्मल पांड्या, नरेंद्र गंगवाल,
राजकुमार दोषी, राजकुमार बड़जात्या, अक्षत, दिव्यम, माणकचंद, शांति देवी, रेखा देवी, मंजू गंगवाल, रंजू जैन, जूली जैन, रीना जैन, निधि पहाड़िया आदि उपस्थित थे। ज्ञात रहे कि किशनगढ़ को गौरवान्वित करते हुए वर्ष 2010 से आर्यिका 105 गरिमामति माताजी एवं आर्यिका 105 गंभीरमति माताजी संघस्थ के संघपति के रूप में ससंघ की विहार, आहार की सकुशल व्यवस्था बड़जात्या परिवार मरवा वाले द्वारा की जाती है, डा.उर्वशी दीदी का जीवन परिचय देते हुए गोधा ने अवगत कराया कि सरल स्वभावी सुशिक्षित डाॅक्टर उर्वशी शाह (नव दीक्षार्थी) का जन्म पिता डाह्या भाई – माता श्रीमती चंद्राबहन के गृह आंगन में 5 जनवरी 1977 पोष शुक्ला पूर्णिमा को शुभ बेला में हुआ। परिवार की छह बहनों में तीसरे नंबर की बहन डाॅ. उर्वशी जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि की होनहार बालिका थी और शिक्षा में उच्च आयाम स्थापित किए थे। आपने हर्बल ड्रग्स में एम. फार्मा एवं पीएचडी करके नया कीर्तिमान बनाया। इसके साथ आप को डाॅक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया। आपने वर्ष 2000 से 2008 तक गुजरात के राजकीय महाविद्यालय में लेक्चरार के रूप में कुशल सेवाएं प्रदान की। उसके बाद 2009 से 2012 तक उच्च अध्ययन करके यूएसए से फार्मेस्ट की डिग्री प्राप्त की। आपने गुजरात में 2012 से 2015 तक हर्बल ड्रग्स कंसल्टेंसी में कार्य करते हुए नाम कमाया। उसके पश्चात आप पुनः 2015 से 2018 तक ब्लेयर फार्मेसी कनाडा में चली गई। प्रारंभ से ही आप सर्वगुण संपन्न, सुशिक्षित, सुसंस्कारी, स्वावलंबी, दृढ़ संकल्पी , सुंदर एवं सुयोग्य नेत्री के साथ, साथ ज्ञानी साधिका है। आपका वैराग्य जीवन पथ 1998 से प्रारंभ हो गया था। उसी समय से आपने आजीवन कंदमूल का त्याग कर दिया था। उसके पश्चात सन 2000 में आपने आजीवन शुद्धजल का त्याग, चाय एवं एलोपैथिक औषधियों का त्याग कर दिया था। आपने अपने पारिवारिक ग्रहस्थ जीवन की बड़ी बहन परम पूज्य आर्यिकारत्न गरिमामति माताजी से 2018 से ब्रह्मचर्य व्रत एवं पंचम प्रतिमा व्रत धारण कर अपने आपको साधना के मार्ग पर पूर्णतया अग्रसर कर दिया। इसी क्रम में सन 2021 में परम पूज्य वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज से सप्तम प्रतिमा व्रत धारण करते हुए आजीवन गृह त्याग कर दिया और आर्यिका संघ में सेवा एवं संचालिका के रूप में अपने आपको समर्पित कर दिया। आपने विगत वर्ष अक्टूबर 2022 में दीक्षा लेने का संकल्प ले लिया जिसे अब 1 जून 2023 को आर्यिका रत्न द्वय 105 गरिमामति माताजी, आर्यिका 105 गंभीरमति माताजी ससंघ के सानिध्य में आर्यिका रत्न गरिमामति माताजी ने संघस्थ बा.ब्रह्मचारिणी उर्वशी दीदी एवं डिमापुर समाज के निवेदन को स्वीकार कर 1 जून 2023 को डीमापुर की पावन धरा पर भव्य जैनेश्वरी दीक्षा देने की घोषणा कर सभी को मंगलमय आशीर्वाद प्रदान किया। संघस्थ उर्वशी दीदी आर्यिका दीक्षा लेकर इस संकल्प को पूर्ण कर रही है। जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी, गुणसागर महाराज के संघपति, गरिमामति माताजी-गंभीरमति माताजी संघ के संघपति विमल कुमार बड़जात्या मरवा वाले ने मंगलमयी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि धन्य है आपके परिवारजन एवं माता-पिता को जिन्होंने ऐसी सुशिक्षित बेटी को वैराग्य के पथ पर अग्रसर किया है।

राजाबाबु गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here