आत्मा प्रभु के प्रति समर्पित हो ली उन्ही की होली सार्थक;- आचार्य वसुनंदी महाराज
जम्बूस्वामी तपोस्थली पर हुआ जैन दर्शन व आध्यात्मिक कवि सम्मेलन
इंडिया नही ——- भारत बोलो
(बोलखेड़ा कामां) होली असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है,अश्लीलता, फूहड़ता,नशे से युक्त नही अपितु प्रभु के प्रति भक्ति,समर्पण,वात्सल्य और प्रेम का पर्व होली है। जीवन मे अनेको बार आपकी होली, हो ली किंतु जिनकी आत्मा प्रभु के प्रति समर्पित हो ली उन्ही की होली सार्थक है। बाकी तो सब व्यर्थ और सांसारिक है।उक्त प्रवचन जम्बूस्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा पर विराजमान जैनाचार्य वसुनंदी महाराज ने धुलण्डी पर आयोजित जैन दर्शन व आध्यात्मिक कवि सम्मेलन में जैन श्रावकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
आचार्य ने कहा कि कवियों का अलग ही व्यक्तित्व व कृतित्व होता है उनकी कलम भी समाज हित मे व समाज को जागरूक बनाने के उद्देश्य से चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत देश भरत के नाम से स्थापित हुआ जिसकी धरा मान मर्यादा,नीति,सिद्धान्तों, कर्तव्य शीलता व ऋषि मुनियों से आच्छादित है, इसलिए ही आदि काल से भारत अन्य देशों के लिए विश्व गुरु की भूमिका में रहा है।
जैन दर्शन व आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का प्रारम्भ नानक नवीन कैथवाड़ा की गुरु वन्दना से हुआ। मयंक जैन डीग ने शिखर जी पर कविता पाठ किया तो डीके जैन मित्तल ने मुक्तकों से जैन दर्शन का सार व्यक्त किया। कैलाश सोनी स्वर्णिम ने कहा कि “श्री महावीर ऐसा मूलमंत्र दे गए हैं जिओ ओर जीने दो में सबकी भलाई है”।
नानक नवीन ने चौबीसों तीर्थंकरों को गीत के माध्यम से बंध किया तो होली का वर्णन करते हुए “गुरुजी मेरे ऐसी मली है गुलाल,सकल विकार दूर हुए मन से ऐसा किया है कमाल” गीत सुनाया।
कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने कहा कि “गुरु चरणों मे उम्रकैद मिल जाये दुनिया भर के वकील लड़े फिर भी जमानत न मिल पाए” उन्होंने कहा कि जैनत्व को सही पहचान दिलाने के लिए प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जन्मकल्याणक पर राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश होना चाहिये। राष्ट्रीय कवि डॉ कमलेश बसंत तिजारा ने आचार्य विद्यासागर व वसुनंदी महाराज की भावनाओ को रखते हुए इंडिया नही—- भारत बोलो गीत सुना खूब तालियां बटोरी तो सजल जैन जबलपुर ने हुंकार भरते हुए कहा सम्मेद शिखर से छेड़छाड़ बर्दास्त नही, उन्होंने गुरु के प्रति सदभाव प्रकट करते हुए सोन चिड़िया जिनके यश की गाथा स्वयं सुनाती है गीत सुनाकर सभी को आत्म विभोर कर दिया। कवि सम्मेलन में संजय जैन सर्राफ, सुनील जैन कामां ,गरिमा जैन गुरुग्राम ने भी कविता पाठ किया तो वही तपोस्थली बोलखेड़ा के अध्यक्ष रमेश जैन गर्ग,अजय जैन दिल्ली,अरुण जैन बंटी, सागर जैन आदि ने कविताओं का सम्मान किया।
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