वर्षा योग के लिए पहुंचे दिगम्बर संतों की अगवानी में उमड़ा जैन समाज -जगह जगह किया पाद प्रक्षालन

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वर्षा योग के लिए पहुंचे दिगम्बर संतों की अगवानी में उमड़ा जैन समाज
-जगह जगह किया पाद प्रक्षालन
– चातुर्मास में ही गुरु के सानिध्य में रहकर मोक्ष रूपी महल की प्राप्ति संभव
बूंदी, 7 जुलाई। छोटी काशी महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण की पावन धरा पर वर्ष 2025 का चातुर्मास के लिए आचार्य वर्धमान सागर मुनिराज के परम प्रभावी शिष्य सुप्रभ सागर महाराज व मुनि वैराग्य सागर महाराज का सोमवार को प्रातः देवपुरा बून्दी में भव्य जुलूस के साथ मंगल प्रवेश हुआ। प्रातः रजतगृह काॅलोनी में स्थित शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से मुनिश्री का भव्य जुलूस प्रारंभ हुआ जो नैनवां रोड़, गोपाल सिंह प्लाजा, सर्किट हाउस, काॅलेज रोड़ होते हुए बघेरवाल छात्रावास पहुंचा।
एक किलोमीटर की शोभायात्रा में जुलूस के आगे दो घुड़सवार घोड़ी पर बैठकर जैन ध्वज लेकर आगे चल रहे थे। उसके पीछे जैन संस्कार महिला मंडल बड़े-बड़े श्रीफल लेकर गुजराती रंग बिरंगी छत्रियां के साथ संभवनाथ पाठशाला देवपुरा बून्दी के नन्हें मुन्ने बालक बालिकाएं रंग बिरंगे गुब्बारे के ध्वज लेकर चल रहे थे। इसी के साथ देवपुरा पाठशाला महिला मंडल की महिलाएं जैन धर्म के आचार्यों की तख्तियां तथा मुनि वैराग्य सागर महाराज व सुप्रभ सागर महाराज की तख्तियां लेकर चल रही थी। जिन शासन प्रभावना महिला मंडल आसमान में जैन ध्वज लहरा रही थी।
मुनिश्री की अगवानी में दिगम्बर जैन समाज बून्दी के साथ साथ कोटा व आसपास का जैन समाज भी उमड़ पड़ा।
मुनिश्री के स्वागत के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए तथा पादप्रक्षालन व आरती उतारी गई। शोभायात्रा में रजत महिला मंडल का जयघोष, सकल जैन समाज महिला मंडल का नमोस्तु जयघोष आकर्षण का केन्द्र रहा।
शोभा यात्रा का संचालन संभवनाथ नवयुवक मंडल देवपुरा के युवा वर्ग कर रहे थे।
शोभायात्रा बघेरवाल छात्रावास पर पहुंचते ही धर्मसभा मंे परिवर्तित हो गई। धर्मसभा में मुनि वैराग्य सागर महाराज ने चातुर्मास के महत्व पर कहा कि जिस प्रकार मनुष्य अपने परिश्रम के माध्यम से उंचाईयों को छूता है उसी प्रकार श्रावक चातुर्मास में अपनी दैनिक चर्या को बदलकर पुण्य कार्य के माध्यम से धर्म की उंचाईयों को छू सकता है।
मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने धर्मसभा में चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चातुर्मास में गुरु भक्ति का श्रावकों को अवसर प्राप्त होता है और उस गुरु भक्ति व धार्मिक कार्यों के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन की दैनिक चर्या में परिवर्तन ला सकता है। मुनिश्री ने कहा कि चातुर्मास में गुरु के सानिध्य में रहकर मोक्ष मार्ग रूपी महल की प्राप्ति कर सकता है।
धर्मसभा में भगवान संभवनाथ की तस्वीर पर बघेरवाल प्रांत के केन्द्रीय अध्यक्ष महेन्द्र हरसौरा, बूंदी प्रांत के अध्यक्ष महावीर जैन सकल जैन समाज के अध्यक्ष एडवोकेट संजय जैन, संरक्षक त्रिलोकचंद जैन, ओमप्रकाश बड़जात्या, धर्मचंद कोट्या राजेंद्र सामरिया ने दीप प्रज्वलन किया। पाद प्रक्षालन महेन्द्र हरसौरा परिवार ने किया। शास्त्र भेंट देवपुरा महिला मंडल ने किया। मंगलाचरण देवपुरा पाठशाला की नन्हीं मुन्नी बालिकाओं ने किया। संचालन ओमप्रकाश ठग ने किया।
इस अवसर पर सकल जैन समाज के कोषाध्यक्ष रामविलास जैन, मंत्री महावीर धनोप्या, खण्डेलवाल सरावगी समाज के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र काला, देवपुरा दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विनोद कोट्या मंत्री ओमप्रकाश ठग, कोषाध्यक्ष अशोक धानोत्या मुनि सुव्रतनाथ जैन मंदिर मधुबन काॅलोनी के मंत्री नमन जैन, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पदम बरमुण्डा, संयोजक कमल कोटिया, उप संयोजक सुरेश कोटिया, , , महेन्द्र सामरिया, भानू खटोड़, महावीर कोटिया, रितेश धनोप्या, चिराग जैन सहित कई सैकड़ो श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
रविन्द्र काला
जेन गजट
संवाददाता

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