प्रशममूर्ति आचार्य श्री १०८ शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री १०८ अतिवीर जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में रोहिणी-पीतमपुरा क्षेत्र में व्यापक धर्म-प्रभावना सानंद संपन्न हो रही है। रोहिणी सेक्टर-8, शालीमार बाग, प्रशांत विहार, बुध विहार, रोहिणी सेक्टर-24 में भक्तों को लाभान्वित करते हुए श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर, रोहिणी सेक्टर-11 पधारने पर पूज्य आचार्य श्री का समस्त समाज द्वारा भावभीना स्वागत किया गया। अष्टाह्निका महापर्व के पावन अवसर पर यहां भक्तिभाव सहित चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान की व्याख्या करते हुए आचार्य श्री ने इस विधान को सिद्ध भगवान की अर्चना करने का स्वर्णिम अवसर बताया|
आचार्य श्री ने आगे कहा कि जब तक मन के भावों में परिवर्तन नहीं आएगा तब तक कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करना मोक्ष मार्ग में सहायक नहीं है| केवल अर्घ्य चढ़ा देना या केवल नाच-कूद कर लेने मात्र से पूजन-अर्चना सार्थक नहीं होती। अंतरंग के परिणामों को विशुद्ध करने की दिशा में जिस दिन हमारे कदम आगे बढ़ जायेंगे, जीवन का वह दिन अनेक उपलब्धियां प्रदान कर जायेगा|
आचार्य श्री ने कहा कि जैन दर्शन में आत्मा के गुणों की पूजा की जाती है। सभी जीवों की आत्मा में एक-समान गुण विद्यमान हैं केवल उन्हें उजागर करने की आवश्यकता है। श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के माध्यम से हम सिद्ध भगवंतों की आराधना करते हैं तथा यह भावना भाते हैं कि हम भी सम्यक पुरुषार्थ कर परम पद की ओर आगे बढ़ें। जीवन में तप-त्याग-साधना के माध्यम से मोक्ष की ओर बढ़ने से ही मनुष्य जीवन की सार्थकता है। मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए सर्वप्रथम सम्यक्दर्शन प्राप्त करना होगा|
उल्लेखनीय है कि आचार्य श्री का यहां से मंगल विहार कर राजस्थली अपार्टमेंट, अशोक विहार फेज-1 व शालीमार बाग होते हुए दिनांक 13 जुलाई 2025 को मजलिस पार्क आदर्श नगर में मंगल चातुर्मास 2025 हेतु विशाल शोभायात्रा के साथ भव्य प्रवेश होगा। 40 वर्षों के इतिहास में पहली बार आदर्श नगर में दिगम्बर संत का चातुर्मास होने जा रहा है। दिगम्बर व श्वेताम्बर जैन समाज द्वारा संयुक्त रूप से आगामी 20 जुलाई 2025 को रजवाड़ा पैलेस (जी. टी. करनाल रोड़) में आचार्य श्री के 20वें मंगल चातुर्मास हेतु भव्य कलश स्थापना समारोह का ऐतिहासिक आयोजन किया जा रहा है।