विश्व गैंडों दिवस—- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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विश्व भर के विभिन्न गैंडों की प्रजातियों के सामने आने वाले खतरों एवं उन्हें संरक्षण प्रदान करने के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल विश्व गैंडों दिवस 22 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन उन सभी 5 गैंडों की प्रजातियों अर्थात सुमात्राण, ब्लैक, ग्रेटर वन सींग, जावन और व्हाइट राइनो प्रजातियों के हित के लिए मनाया जाता है। यह दिन गैर सरकारी संगठन, चिड़ियाघर और आम जनता को गैंडों को अपने विशेष तरीके से सम्मानित और संरक्षण प्रदान किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य राइनो की रक्षा करने के महत्व को बढ़ाना है, क्योंकि सालों से चल रहे अवैध शिकार और उनके निवास स्थान के नुकसान के चलते गैंडे की प्रजातियां गंभीर रूप से विलुप्त हो रही हैं, जिन्हें सुरक्षित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
इस साल विश्व राइनो दिवस “फाइव राइनो स्पीशीज फॉरएवर” थीम के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का लक्ष्य गैंडों को उनके जीवन के लिए खतरे से बचाने की आवश्यकता में लोगों के बीच अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि गेंडे लगातार गंभीर रूप से खतरे में हैं।
अवैध शिकार जलवायु परिवर्तन और अपने प्राकृतिक परिवर्तन में बदलाव के कारण धीरे-धीरे गेंडे की प्रजातियां विलुप्त हो रही है।
दुनिया भर में राइनो और उनकी प्रजातियों की सुरक्षा एवं देखभाल की आवश्यकता व जागरूकता को बढ़ाने पर यह वार्षिक दिन जोर देता है। आज गेंडे की 3 प्रजातियां काला, जावन और सुमात्राण गंभीर रूप से संकटग्रस्त में है इनहें ही बचाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने की घोषणा 2010 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी। जब लिसा जेन कैंपबेल, एनामिटिसी की संस्थापक और जि़म्बाब्वे में चिशक्वे रेंच की ओनर ने 2011 में गैंडों की सभी 5 प्रजातियों के विलुप्त होने से बचाने और संरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इवेंट के क्रिएटिव डायरेक्टर रिशजा कोटा के साथ मिलकर काम किया था। इस सालाना उत्सव को तब वैश्विक स्तर पर पहली बार पहचान मिली थी। 22 सितंबर 2011 को पहली बार गैंडों दिवस मनाया गया था।
प्रमुख बिंदु
इसकी घोषणा वर्ष 2010 में पहली बार प्रकृति के संरक्षण हेतु विश्वव्यापी को दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी। कई दशकों से लगातार अवैध शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण गैंडे की प्रजातियांँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।
गैंडे की पाँच प्रजातियाँ इस प्रकार हैं- अफ्रीका में सफेद और काले राइनो एक सींग वाले गैंडे , एशिया में जावा और सुमात्रन गैंडे/राइन की प्रजातियाँ।
IUCN की रेड लिस्ट में स्थिति:
व्हाइट राइनो: खतरे या संकट के करीब।
ब्लैक राइनो: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।
एक सींग वाले गैंडे सुभेद्य।
जावा: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।
सुमात्रन राइनो: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।
एक सींग वाले गैंडे के बारे में:
इसे इंडियन राइनो के रूप में भी जाना जाता है, यह राइनो प्रजातियों में सबसे बड़ा है। इस गैंडे की पहचान एकल काले सींग और त्वचा के सिलवटों के साथ भूरे रंग से होती है। भारत विश्व में एक सींग वाले गैंडे की सर्वाधिक संख्या वाला देश है।
ये मुख्य रूप से घास, पत्तियों, झाड़ियों और पेड़ों की शाखाओं, फल तथा जलीय पौधे की चर करते हैं।
वर्तमान में भारत में लगभग 2,600 इंडियन राइनो हैं, जिनकी 90% से अधिक आबादी असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में केंद्रित है।
आवास:
यह प्रजाति इंडो-नेपाल तराई क्षेत्र, उत्तरी पश्चिम बंगाल और असम तक सीमित है।
भारत में गैंडे मुख्य रूप से पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क, असम के काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यान,जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान तथा उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिज़र्व में पाए जाते हैं।
खतरा:
सींगों के लिये शिकार
प्राकृतिक वास का नुकसान
जनसंख्या घनत्व
घटती आनुवंशिक विविधता
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
भारत द्वारा किये गए संरक्षण प्रयास:
न्यू डेल्ही डिक्लेरेशन ऑन एशियन राइनोज़ 2019:राइनो रेंज़ के पाँच देशों (भारत, भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया और मलेशिया) ने इन प्रजातियों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिये न्यू डेल्ही डिक्लेरेशन ऑन एशियन राइनोज़ 2019 पर हस्ताक्षर किये हैं।
सभी गैंडों का डीएनए प्रोफाइल बनाना: यह परियोजना अवैध शिकार को रोकने और गैंडों से जुड़े वन्यजीव अपराधों में सबूत इकट्ठा करने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय राइनो संरक्षण रणनीति: इस रणनीति को वर्ष 2019 में बड़े सींग वाले गैंडों के संरक्षण के लिये शुरू किया गया था।
इंडियन राइनो विज़न 2020: इसे वर्ष 2005 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य एक सींग वाले गैंडों की आबादी को वर्ष 2020 तक भारतीय राज्य असम के सात संरक्षित क्षेत्रों में 3,000 से अधिक करना था।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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