विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस

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यह विश्व व्यापी मानसिक रोग हैं। जब से मनुष्य विवेकवान बुद्धजीवी हुआ और उसने लाभ- हानि का गणित समझा तब से वह मानसिक रुग्ण होता हैं। यह सनातनी रोग हैं ,और वर्तमानकाल में चूँकि संचार साधनों की उपलब्धता के कारण जानकारियां मिलती हैं। इसका सबसे प्रभावशाली असर मानसिक होता हैं जो जान सामान्य के साथ परिवार जनों को समझ में नहीं आता और प्रभावी व्यक्ति ऐसे कदम उठा लेता हैं जिसका कोई अन्य विकल्प नहीं होता। आत्महत्या के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि मानसिक दिक्कतें, दुख, तनाव, निराशा, नशीली दवाओं का अधिक प्रयोग, सामाजिक दूरी, आदि।
मानव जीवन कभी सपाट नहीं होता हैं उसमे उतार चढाव आते ही हैं। कोई भी व्यक्ति इस रोग से कभी न कभी प्रभावित या पीड़ित रहा हैं और उससे मुक्त होना बहुत बड़ी सफलता हैं।
दुनियाभर में खुदकुशी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, विश्व में आत्महत्याओं का आंकड़ा काफी चिंताजनक है। लोगों में अवसाद निरंतर बढ़ रहा है, जिसके चलते कुछ लोग आत्महत्या जैसा हृदय विदारक कदम उठा बैठते हैं। आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में आज जागरूकता बढ़ी है। ऐसे ही सामाजिक संवादों को बढ़ावा देने और आत्महत्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 10 सितंबर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एक विश्व विशेष दिवस है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है।
आत्महत्या एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करने की कोशिश करता है। यह दिन लोगों को आत्महत्या के खिलाफ सहयोग और समर्थन प्रदान करने के लिए जागरूक करता है, और सामाजिक मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने का संदेश देता है। इस दिन कई आयोजन और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें आत्महत्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समर्थन प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, जैसे कि आत्महत्या होने के लक्षणों की पहचान, बचाव और सहयोग, को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन भी आत्महत्या के प्रभाव को कम करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक स्तर पर कई प्रयासों का हिस्सा बनता है।
हर साल वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे एक ख़ास थीम पर आधारित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2021-2023 के कार्यक्रम की थीम “क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन” घोषित की है। इसलिए इस साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2023 की थीम ‘कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना’ है।
उद्देश्य
आत्महत्या की रोकथाम:
इस दिन का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को आत्महत्या की रोकथाम में सहयोग करने और इसे रोकने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाए।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता:
इस दिन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है और यह बताया जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल और समर्थन कितना महत्वपूर्ण है।
सामाजिक समर्थन:
इस दिन का माध्यम से लोगों को सामाजिक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि वे आत्महत्या से पीड़ित व्यक्तिओं को सही समय पर सहायता प्रदान कर सकें।
आत्महत्या के प्रभाव:
इस दिन के माध्यम से आत्महत्या के प्रभाव को समझाया जाता है, जैसे कि इसके परिवार और समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सामाजिक संवाद: यह एक मानवाधिकार और सामाजिक संवाद का माध्यम भी होता है, जिसमें लोग आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करते हैं और समाज में जागरूकता फैलाते हैं।
इतिहास
2003 : इस दिन की शुरुआत हुई थी, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्महत्या को रोकने के लिए गैर सरकारी संगठन और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर एक साझा पहल शुरू की।
2004 : विश्व आत्महत्या प्रभंधन योजना की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य था आत्महत्या को कम करने के लिए गुरुत्वाकर्षण और सहयोग को बढ़ावा देना।
वर्तमान : 2003 से आज तक, हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया जाने लगा है। इस दिन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, समर्थन अभियान, सामाजिक संवाद, और शैक्षिक प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य आत्महत्या को रोकना और आत्महत्या से पीड़ित व्यक्तिओं को सहायता प्रदान करना होता है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को मनाने के लिए निम्नलिखित कुछ तरीके हैं:
सेमिनार: स्थानीय समुदायों और संगठनों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के विषय में जागरूक करने के लिए सेमिनार और समागम आयोजित करने का विचार रखा जा सकता है। यहाँ पर मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों और अन्य विशेषज्ञों की सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।
एजुकेशनल प्रोग्राम: स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षिक संस्थानों में आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए शिक्षात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में शिक्षा दी जा सकती है।
सामाजिक मीडिया कैंपेन: आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए वीडियो, पोस्टर, और सामाजिक मीडिया कैंपेन चलाए जा सकते हैं। इसके माध्यम से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
साझा कहानियां: आत्महत्या के बारे में सफल उदाहरण और प्रेरणादायक कहानियों को साझा करना भी लोगों को सहायता प्रदान कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ: आत्महत्या के विचारों से प्रभावित लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
स्वयंसेवा: आप अपने समुदाय में आत्महत्या पर जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवा कर सकते हैं, अपने साथी लोगों के साथ बात कर सकते हैं, और उन्हें सहायता प्रदान कर सकते हैं।
आत्महत्या से जुड़े कुछ आंकड़ें
दक्षिण कोरिया में वर्तमान में दुनिया भर के किसी भी देश की तुलना में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। दक्षिण कोरिया में महिलाओं में आत्महत्या की दर किसी भी अन्य देश की महिलाओं की तुलना में काफी अधिक है। फिर भी, आत्महत्या आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक प्रचलित है।
किशोर आत्महत्या हमेशा एक गंभीर और कठिन विषय है। एक सर्वेक्षण में पाया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 30 प्रतिशत महिला हाई स्कूल छात्रों ने पिछले वर्ष 14 प्रतिशत पुरुष छात्रों की तुलना में आत्महत्या का प्रयास करने पर गंभीरता से विचार किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति 100,000 जनसंख्या पर किशोरों में औसतन लगभग 11 आत्महत्याएँ होती हैं। किशोर आत्महत्या की उच्चतम दर वाले राज्यों में इडाहो, कोलोराडो और यूटा शामिल हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े देखें तो जहां 2020 में देशभर में कुल 12,526 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की, वहीं 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 13,089 हो गया।
आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में 56.54 फीसदी लड़के और 43.49 फीसदी लड़कियां थीं।
अठारह साल से कम आयु के 10,732 किशोरों में से 864 ने तो परीक्षा में विफलता के कारण मौत को गले लगा लिया।
आत्महत्या से जुड़े कुछ तथ्य –
आत्महत्या रोकी जा सकती है. अधिकांश आत्मघाती व्यक्ति सख्त तौर पर जीना चाहते हैं; वे अपनी समस्याओं का विकल्प देखने में ही असमर्थ हैं।
अधिकांश आत्मघाती व्यक्ति अपने आत्मघाती इरादों के बारे में निश्चित चेतावनियाँ देते हैं, लेकिन अन्य लोग या तो इन चेतावनियों के महत्व से अनजान होते हैं या नहीं जानते कि उन पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए।
आत्महत्या के बारे में बात करने से कोई व्यक्ति आत्महत्या के लिए प्रेरित नहीं होता।
आत्महत्या सभी उम्र, आर्थिक, सामाजिक, नस्लीय और जातीय सीमाओं के पार होती है।
आत्मघाती व्यवहार जटिल है और किसी व्यक्ति द्वारा अनुभव की जा रही किसी एक समस्या की प्रतिक्रिया नहीं है। कुछ जोखिम कारक उम्र, लिंग या जातीय समूह के साथ भिन्न होते हैं और समय के साथ संयोजन या परिवर्तन में हो सकते हैं।
जीवित परिवार के सदस्यों को न केवल आत्महत्या के कारण किसी प्रियजन को खोने का सदमा झेलना पड़ता है, बल्कि वे स्वयं भी आत्महत्या और भावनात्मक समस्याओं के लिए अधिक जोखिम में हो सकते हैं।
आत्महत्या के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि मानसिक दिक्कतें, दुख, तनाव, निराशा, संजीवनी दवाओं का अधिक प्रयोग, सामाजिक दूरी, आदि।आत्महत्या की संकेतों में व्यक्ति का असमान व्यवहार, जीवन में रुचिकर्कता की कमी, अपने आप को समस्याओं के समाधान के लिए अकेला महसूस करना, या सुस्ती, उदासी, और उद्विग्नता शामिल हो सकती हैं।
अधिकांश लोग भौतिक संसाधनों की दौड़ में इतने अधिक व्यस्त हैं की सफलता और असफलता मिलना स्वाभाविक हैं। यदि मनुष्य शुरुआत से अपने जीवन में धर्म के साथ नैतिक शिक्षाओं को अपने जीवन में परिवार के साथ समाज से भी शिक्षा ले। लेखक भी इन्ही परिस्थितिओं से निकल कर अपना सफल जीवन जिया। पुस्तक”आनंद कही अनकही “पठनीय हैं जो अमेजॉन इन पर उपलब्ध हैं
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल 09425006753

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