इन्दौर। हाल ही में वर्द्धमानपुर शोध संस्थान, वर्धमान 2550, सोम2550 के लोग ललितपुर में चातुर्मास कर रहे आचार्य श्री विनम्र सागर जी के दर्शन हेतु पहुंचे और वहां उन्होंने आगामी 13 नवंबर से प्रारंभ हो रहे विश्व के सबसे प्राचीन संवत 2550वें वीर निर्वाण वर्ष के दौरान सभी जैन मंदिरों से विशेष प्रभात फेरी निकले इस विचार को गुरुवर के समक्ष रखा जिसका आचार्य विनम्र सागर जी महाराज ने समर्थन करते हुए अपना आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि वीर निर्वाण संवत का यह अभूतपूर्व अवसर है, जिसका आगाज पुरे जोर शोर से देश ही नहीं संपूर्ण विश्व में होना चाहिए।
उक्त जानकारी देते हुए संस्थान के ओम पाटोदी ने बताया कि गुरुदेव ने कहा कि यह विश्व के लिए सुनहरा अवसर है कि भगवान महावीर के विश्वप्रेम, दया, करूणा, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत जैसे सार्वभौमिक सिध्दांत विश्व भर में पहुंचे।इस विशेष दिवस की प्रातः कालीन बेला में सादगी, सोहार्द और प्रेम के साथ प्रभु स्मरण के द्वारा हो विश्व के प्राचीन नव वर्ष का शुभारंभ।
इस अवसर पर गुरुदेव के संघस्थ ब्रह्मचारी सुखमाल भैया, के साथ संस्थान के ओम पाटोदी, विपिन पाटनी, कमल सेठी, अभय पाटोदी आदि लोग मौजूद थे। वर्धमान2550 प्रकल्प एवं समाज के स्वप्निल जैन, मंयक जैन, अभय संघवी, महेंद्र जैन, पारस जैन, मनीष जैन, राहुल जैन, रौनक जैन, चर्चित पाटोदी, संतोष जैन आदि सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त की।