मुनि श्री सुप्रभसागर महाराज की गृहस्थ अवस्था की माँ थीं
रतलाम। दिनांक 21/02/24 को शीतल तीर्थ रतलाम में आचार्य विशुद्धसागर जी महाराज के निर्देशन में आचार्य सुंदरसागर जी ने श्रमण मुनि श्री सुप्रभसागर जी की गृहस्थ अवस्था की माँ श्रीमती
सुरमंजरी शहा सोलापुर की आर्यिका दीक्षा सम्पन्न होकर उनका नाम आर्यिका श्री सुप्रज्ञमतिमाता जी रखा गया और उनका 50 से अधिक साधु संतों के मध्य 73 वर्ष की आयु में समाधिमरण हुआ। इस दौरान आचार्य द्वय व 60 पिच्छिधारी साधुओं एवं गृहस्थ अवस्था के पुत्र बा.ब्र.साकेत भैया मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज के सान्निध्य में 2019 में वाशिम महाराष्ट्र में सम्पन्न हुए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में श्रीमती सुरमंजरी शहा एवं श्री राजेन्द्र जी शहा सोलापुर को भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य मिला था । महाज्ञान कुम्भ बर्षायोग 2023 उज्जैन में मुनि श्री सुप्रभ सागर जी के सान्निध्य में सिद्धचक्र महामंडल विधान भी इसी मां ने कराया था।
बताते चलें कि श्रीमती सुरमंजरी शहा की दोनों संतानें एक मुनि श्री सुप्रभ सागर के रूप में तथा दूसरे बाल ब्रह्मचारी साकेत भैया जी मोक्षमार्ग-संयममार्ग पर चल रहे हैं।
-डॉ सुनील जैन संचय ललितपुर