सहस्रकूट विज्ञातीर्थ के शांतिनाथ प्रभु ने दिखलाया अतिशय
फागी संवाददाता
श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुंसी (राज.) की पावन धरा पर प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी का 53 वां अवतरण दिवस भक्तों द्वारा अत्यंत हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया कार्यक्रम में संघस्थ बालब्रह्मचारिणी रूचि दीदी ने जैन गजट संवाददाता राजाबाबू गोधा को अवगत कराया कि कार्यक्रम की शुरुआत चित्रानावारण , दीप प्रज्ज्वलन व मंगलाचरण के साथ हुई । चित्रणावर्ण करने का अवसर नवल जी अभिषेक जी जैन मंगल विहार जयपुर सपरिवार को प्राप्त हुआ । अथितियों के स्वागत सत्कार के तत्पश्चात गुरु भक्तों ने अपनी विनयांजलि प्रस्तुत की । टोंक जिले की जिला प्रमुख सरोज जी बंसल ने पूज्य गुरु माँ का आशीर्वाद प्राप्त किया । यहाँ बोलियों का कार्यक्रम चल रहा था वही दूसरी ओर मन्दिर जी में शांतिनाथ प्रभु के सिर से अचानक जल की धार प्रारम्भ हो गई । जिसे देखने सारी जनता उमड आई । पूज्य माताजी के पाद – प्रक्षालन का शुभ अवसर पी. सी . जैन झिलाय वाले सपरिवार ने प्राप्त किया । शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य राजेन्द्र जी बिलाला चाकसू परिवार को प्राप्त हुआ । वस्त्र भेंट शांतिलाल जी जैन नन्दपुरी जयपुर परिवार ने किए । साथ ही अन्य भक्तों ने भी गुरु माँ के कर कमलों में शास्त्र व वस्त्र भेंट किये । माताजी के कर कमलों में संयम का उपकरण पिच्छी भेंट करने का सौभाग्य जितेंद्र जी जैन मालवीय नगर वालों को एवं कमंडल भेंट करने का सौभाग्य राजेन्द्र जी बिलाला सपरिवार ने प्राप्त किया । अष्ट द्रव्य से गुरु माँ की पूजन का सौभाग्य सभी भक्तों ने प्राप्त किया । साथ ही चातुर्मास समिति का भी गठन किया गया। जिनमें अध्यक्ष सन्मति चँवरिया निवाई एवं अन्य सदस्यों ने भी शपथ ग्रहण किया ।
ततपश्चात पूज्य माताजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि – हम अपना जन्मदिन या सालगिरह तो हर वर्ष बडे धूमधाम से मनाते हैं । पर सन्तों या भगवन्तों का जन्मदिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि श्रावक पुण्य का अर्जन हो । आज इस सुअवसर पर सभी अपनी एक बुराई का त्याग करें । जिस प्रकार हम अपने जन्मदिन पर तोहफा देते हैं वैसे ही वीतराग प्रभु के सामने अपनी एक बुराई का तोहफा प्रदान करें । हम सभी अण्डे , मांस , शराब , बीडी , गुटखा आदि नशीले पदार्थों का आजीवन त्याग करें । जिससे हम भी सुरक्षित और देश की भी वृद्धि । साथ ही जितने पशुओं को इन सबके कारण मारा – काटा जाता है उस पर रोक लगाई जा सकें । हमें आपसे और कुछ नहीं चाहिये । सभा में उपस्थित सभी श्रावकों ने माताजी की बात को समझकर इस बुराई का त्याग कर नियम लिया कि इस बात को जन जन तक पहुंचायेंगे जिससे देश में पशुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोका जा सकें।
सायंकाल भक्तों ने 48 दीपकों के साथ भक्तामर महार्चना कर 530 दीपकों से गुरु माँ की संगीत व भक्तिमय आरती की । सभी भक्त पूज्य गुरु माँ का अवतरण दिवस मनाकर अपने को धन्य मान रहे थे साथ ही आनंदित थे ।