बूंदी, 30 जून। नैनवां रोड़ रजतगृह काॅलोनी पर स्थित सामुदायिक भवन में मुनि वैराग्य सागर महाराज तथा मुनि सुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर महाराज का 58वां दीक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुनिश्री सुप्रभ सागर महाराज ने उनके गुणांे का गुणानुवाद करते हुए धर्मसभा में कहा कि भारतीय संस्कृति त्याग व तपस्या की है। सांसारिक प्राणी धर्मरूपी कर्जे में डूबा हुआ है। आचार्य कहते हैं सम्यक चारित्र की भावना को चुकाने के बाद ही धर्मरूपी कर्जा चुका सकते हैं।
मुनिश्री ने कहा कि 30 जून 1959 से पूर्व वृद्ध व्यक्ति ही मुनि दीक्षा लेेते थे। आचार्य ज्ञानसागर महाराज की दूरदृष्टि से जान लिया कि 21 वर्षीय विद्याधर नामक नवयुवक को दीक्षा देकर एक सूत्रपात किया। सूत्र हमेशा छोटे होते हैं जब उस पर टीका लिखी जाती है वह विस्तृत रूप ले लेती है। मुनिश्री ने गुणानुवाद करते हुए कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने मूक माटी जैसा काव्य लिख एक इतिहास रच दिया। उनके द्वारा लिखे गए ग्रंथों से कई युवाओं ने पीएचडी की उपाधि ग्रहण की।
मुनिश्री ने आज के युवाओं पर कहा कि आचार्यश्री कहते थे नौकर नहीं मालिक बनो। क्योंकि जैन समाज के लोगों की आदत आदेश देने की होती है, मानने की नहीं। यदि नौकरी भी करनी है तो ऐसी करो जिसमें आदेश दे सकें। आचार्यश्री ने नई शिक्षा नीति बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। वह हमेशा राष्ट्र की चिंता करते थे। आचार्यश्री प्रत्येक साधु के प्रति वात्सल्य भाव रखते थे तथा दूसरे साधुओं के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित रहते थे। उनका अंतिम निर्णय सही एवं सटीक होता था। दिगम्बर जैन समाज ज्ञानसागर महाराज के साथ साथ युवा वर्ग भी ऋणी है। उन्होंने धर्म के प्रति अलख जगा दी। मुनिश्री ने कहा कि श्रमण संस्कृति की परम्परा साधुओं के साथ साथ श्रावकों को भी पालन करना सिखाया। मुनिश्री वैराग्य सागर महाराज ने भी आचार्यश्री का गुणानुवाद किया तथा सकल जैन समाज के संरक्षक ओमप्रकाश बडजात्या तथा देसी बीज संरक्षण के अध्यक्ष पदम जैन ने भी गुणानुवाद किया।
इससे पूर्व आचार्य विद्यासागर महाराज की भक्तिमय संगीतमय अष्टद्रव्यों से आयुष जैन ने पूजा सम्पन्न करवाई। साथ में आचार्य वर्धमान सागर महाराज, संमय सागर महाराज की अष्टद्रव्यांे से पूजा की। धर्मसभा से पूर्व भगवान शीतलनाथ के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन सकल जैन समाज के संरक्षक त्रिलोकचंद जैन, ओमप्रकाश जैन, मंत्री महावीर धनोप्या, नैनवां रोड सकल जैन समाज के अध्यक्ष बिरधीचंद धनोप्या ने किया। मुनिश्री का पाद प्रक्षालन कपूरचंद जैन, अनिल जैन ने किया। शास्त्र भेंट रजत महिला मंडल व सकल जैन समाज नैनवां रोड़ ने किया। मंगलाचरण नन्हीं मुन्नी बालिकाओं ने किया। धर्मसभा का संचालन एडवोकेट संजय जैन ने किया।
इस अवसर पर खण्डेलवाल सरावगी समाज के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र काला, देवपुरा सकल जैन समाज के अध्यक्ष विनोद कोटिया, मंत्री ओम ठग सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता बूंदी
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