संपूर्ण विश्व में जैन धर्म की अनोखी पहचान है जैन धर्म ही प्राणी मात्र व जीवो की रक्षा करने वाला धर्म है जिससे अहिंसा धर्म कहते हैं

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प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज

द्वारा जैन गजट संवाददाता महावीर सरावगी
17 मई शुक्रवार 2024
कुवरपुर मध्य प्रदेश के दिगंबर जैन जिलालय में जैन मुनि विश्रांत सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया
संपूर्ण विश्व में जैन धर्म की एक अनोखी पहचान है जो जीवो की रक्षा करने वाला अहिंसामय एक जैन धर्म है
दिगंबर जैन संतों ने मुनिराजों ने आचार्य ने यह जैन धर्म को देश विदेश में भ्रमण कर जैन धर्म के सिद्धांतों को प्राणी मात्र तक पहुंचाने का एक अनोखा कर्म मुनिराजो ने किया है
जैन धर्म से जैन कुल की अनोखी एक पहचान बनी है दिगंबर संतो ने पैदल बिहार कर नग्न अवस्था दिगंबर अवस्था में रहकर अपने जैन धर्म को प्राणी मात्र को बताया
सबसे बड़ा त्याग तपस्या अगर है तो वह केवल मात्र एक जैन धर्म में है
हम जैन को अन्य जातियों से एक भव्य पहचान बना रखी है जिसके कारण आज की सरकार दिगंबर संतो को सभी प्रकार के सुरक्षाएं एवं राष्ट्र संतों को सरकारी सेवाएं दे रही है

जब तक विश्व में जैन संत रहेगा जैन धर्म सदियों तक चलता ही रहेगा
जैन मुनि विश्रांत सागर महाराज ने छोटे-छोटे बच्चों को जैन धर्म का पाठ पढ़ाया और जैन धर्म के सिद्धांत बतलाएं अपने हाथों से छोटे-छोटे बच्चे जिनालय में भगवान का अभिषेक करने वाला बच्चा कभी भी गलत मार्ग पर नहीं जा सकता नंही कभी अपने हाथों में शराब की बोतल ले सकता है ऐसा मुनि अपने दिव्य देषना में बताया
मुनि ने बताया कि सभी शादी विवाहों के अंदर जैन परिवार को पहले भोजन कराया जाता है यह भी एक जैन की अनोखी पहचान बताई

ऐसे प्रवचनों सुनने जैन समाज के अपार भक्तों महिलाओं छोटे-छोटे बच्चों की अपार भीड़ जिनालय में रहती है
सभी भक्तों ने मुनि की जय जयकार से जिनालय को गुंजाय मान किया

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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