आरटीई के तहत एडमिशन देने वाले निजी स्कूलों की एसआईटी से हो जांच

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जयपुर। आरटीई राइट टू एजुकेशन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है किंतु विगत कुछ वर्षों से शिक्षा का यह अधिकार निजी स्कूल माफियाओं का हथियार बनकर रह गया है। निजी स्कूल जहां आरटीई के तहत सरकारी फंड भी ले रही है तो वही अभिभावकों से भी जबरन वसूली कर रहे है। यही नहीं प्रदेश में ऐसे निजी स्कूल संचालक भी है जो आरटीई के तहत झूठे एडमिशन दिखा सरकारी खजाने में खुलेआम डकैती डाल रहे है, इसको लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने मंगलवार को राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर आरटीई के तहत एडमिशन देने वाले सभी निजी स्कूलों की एसआईटी से जांच करवाने की मांग की है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून अब केवल दिखावा मात्र बनकर रह गया है। निजी स्कूलों ने अधिकारियों के साथ साठगांठ कर सरकारी खजाने में गबन करने का हथियार बना लिया है। आरटीई की तहत बच्चो का एडमिशन निजी स्कूलों में तो हो रहा है किंतु स्कूल उन्हे शिक्षा उपलब्ध नहीं करवाकर केवल सरकारी खजाने को लूट रहे है। बच्चों को ना शिक्षा मिल रही है ना अधिकार मिल रहा है उसके बावजूद सरकारी खजाने का खुलेआम गबन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हमने पत्र लिखकर एसआईटी गठित कर आरटीई की तहत एडमिशन देने वाले सभी निजी स्कूलों की जांच की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की आरटीई में बहुत बड़े घोटाले की आशंकाओं को देखते हुए संयुक्त अभिभावक संघ उन सभी अभिभावकों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है जिनके आरटीई में एडमिशन तो हुए है किंतु उनके बच्चों की पढ़ाई आजतक भी शुरू नही हो पाई है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजापार्क के एक अभिभावक के बच्चे सिडलिंग स्कूल में आरटीई की तहत एडमिशन तो हो गया किंतु आज 6 महीनों बाद भी पढ़ाई शुरू नही हुई है। जून 2023 में हमने आरटीई लगाई थी जिसमे आरटीई में एडमिशन की सूची मांगी गई थी किंतु आजतक भी वह सूची हमें उपलब्ध नही करवाई गई। इसलिए हमें बहुत बड़े घोटाले की आशंका है इसलिए एसआईटी गठित कर जांच करने की मांग की है।

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