आर के पुरम जैन मंदिर में दस लक्षण विधान में बह रही है भक्ति की बयार

0
113

जंगल वाले बाबा मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से निर्मित आर. के. पुरम स्थित मुनिसुव्रत नाथ दिगंबर जैन त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में संस्कार धानी जबलपुर से पधारे पंडित राजेश जी शास्त्री के सानिध्य में दस लक्षण विधान मंडल हर्षोल्लास के मंगलमय वातावरण में चल रहा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष महावीर जैन महामंत्री पवन पाटोदी कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने बताया कि प्रातः काल 6 : 45 पर प्रतिदिन नित्य अभिषेक शांति धारा तत्पशात दस लक्षण विधान बूंदी से पधारे संगीतकार आयुष जैन एंड पार्टी के द्वारा संगीत की सुमधुर ध्वनियो में कराया जा रहा है। इन्द्र इंद्राणीया भक्ति रस में डूब डूब कर आनंद ले रहे है। तत्वार्थ सूत्र का वाचन भी किया जाता है। इस अवसर पर शांतिनाथ महा मंडल विधान भी किया गया। श्रीमति समिता जैन धर्मपत्नी विनोद जैन टोरडी के पंच मेरु के पाच उपवास होने पर शोभा यात्रा निकाली गई। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवम मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि ने जानकारी देते हुवे बताया कि दस लक्षण पर्व पर पूरे मंदिर को खूब सजाया गया।सजावट देखते ही मन बाग बाग हो जाता हैं। सायकालीन मंगल दीपकों के माध्यम से भव्य आरती देखते ही बनती है। 48 मंगल दीपकों के माध्यम से संगीत के माध्यम से भक्तामर आराधना की जाती है। पंडित जी श्री राजेश जी शास्त्री जी द्वारा जैन धर्म दर्शन के गुड रहस्यों को बड़ी सरल सहज भाषा में समझाया जा रहा है।जिसको सुनकर श्रद्धालु गण भाव विभोर हो रहे हैं।मूलनायक भगवान पर प्रथम अभिषेक महावीर सरवाडिया ज्ञानचंद जैन खजूरी वाले, मूल नायक भगवान पर शांतिधारा विनय जी प्रवीण जी सेठिया एवम संतोष वैभव दमोह वाले, भगवान पारसनाथ पर प्रथमांभिषेक चंद्रेश जैन हरसौरा परिवारजन एवं शांतिधारा महेश जी जैन एवम विवेक जी बंटी ने करने का सौभाग्य प्राप्त किया।इस अवसर पर सकल दिगंबर जैन समाज के महामंत्री विनोद जैन टोरडी एस. के. जैन जज रूप चंद जैन अमोलक चंद जैन अंकित जैन मनीष जैन हरक चंद गोधा उपस्थित थे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here